Cotton News

मुंबई, 6 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो): महाराष्ट्र के नासिक क्षेत्र में पिछले महीने हुई भारी बारिश ने कपास की खेती को गहरा नुकसान पहुँचाया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, लगभग 2.75 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की फसल बर्बाद हुई, जो इस साल कुल कपास रकबे का 30% है।

नासिक क्षेत्र में पांच ज़िले शामिल हैं – जलगाँव, धुले, नंदुरबार, अहिल्यानगर और नासिक। इस वर्ष कपास की खेती का कुल क्षेत्रफल लगभग 9.04 लाख हेक्टेयर था, जो पिछले साल की तुलना में पहले ही 13.7% कम है।

जिलेवार नुकसान का विवरण:

  • अहिल्यानगर: 1.36 लाख हेक्टेयर फसल नष्ट
  • जलगाँव: 1 लाख हेक्टेयर से अधिक फसल प्रभावित
  • नासिक: 21,299 हेक्टेयर
  • धुले: 10,305 हेक्टेयर
  • नंदुरबार: 622 हेक्टेयर (न्यूनतम नुकसान)

किसानों की स्थिति गंभीर

एक किसान ने बताया कि उनकी 9 एकड़ फसल बर्बाद हो गई। इस बार सितंबर में भारी बारिश और धूप की कमी के कारण 50% कपास के डोड फट ही नहीं पाए, जिससे उत्पादन पर गहरा असर पड़ा है। पिछले साल 45 क्विंटल उत्पादन हुआ था, इस बार 18–20 क्विंटल की ही उम्मीद है। कई किसानों ने इसी तरह की समस्याओं की पुष्टि की, जिससे क्षेत्र में आर्थिक संकट की आशंका और गहरा गई है।

उत्पादन में भारी गिरावट की आशंका

राज्य कृषि विभाग और खानदेश जिनिंग एंड प्रेसिंग फैक्ट्री ओनर्स एसोसिएशन के अनुसार, इस वर्ष 40% से अधिक कपास उत्पादन में गिरावट की संभावना है। वर्ष 2024 में इस क्षेत्र का कुल कपास उत्पादन 11.18 लाख टन था, और प्रति हेक्टेयर उपज 10.68 क्विंटल रही थी। इस साल यह गिरकर 6-7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक जा सकती है।

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