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नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो): प्याज की कीमतें इस समय कर्नाटक में ऐतिहासिक निम्न स्तर पर पहुँच गई हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्याज की कीमत ₹10 प्रति किलोग्राम से भी कम हो गई है, जो किसानों के लिए बड़ी समस्या बन गई है। इस गिरावट के कारण किसान परेशान हैं और वे सरकार से मांग कर रहे हैं कि प्याज सहित अन्य फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तहत सुरक्षा प्रदान की जाए।

प्याज की कीमतों में गिरावट का कारण
कर्नाटक
में इस वर्ष प्याज की बहुत बड़ी तादाद में पैदावार हुई है, लेकिन इसके बावजूद बाजार में आपूर्ति का संतुलन बिगड़ गया है। अधिक उत्पादन के कारण व्यापारी और थोक बाजारों में इसका मूल्य कम हो गया है। इस वर्ष बारिश और अन्य मौसमीय कारकों के चलते उत्पादन में वृद्धि हुई, लेकिन भंडारण और परिवहन की समस्याओं के कारण किसान अपनी फसल को उचित मूल्य पर नहीं बेच पा रहे हैं।

किसान संगठनों का कहना है कि ऐसे में यदि सरकार प्याज को MSP सुरक्षा प्रदान करती है, तो यह उन्हें अपनी फसल का उचित मूल्य प्राप्त करने में मदद करेगा। MSP के तहत न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित होने से किसानों को घाटे से बचने का मौका मिलेगा और वे अपनी मेहनत का सही लाभ पा सकेंगे।

किसानों की MSP सुरक्षा की मांग
कर्नाटक के किसानों ने अपनी समस्याओं को लेकर कर्नाटका राज्य सरकार और केंद्र सरकार से अपील की है कि प्याज को MSP की सूची में शामिल किया जाए। उनका कहना है कि प्याज एक क्षयशील उत्पाद है, और इसका सही मूल्य समय पर न मिलना किसानों के लिए भारी आर्थिक संकट पैदा कर सकता है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है और उन्हें कर्ज़ में डूबने की संभावना भी बढ़ जाती है।

संगठनों का मानना है कि MSP की प्रणाली के तहत प्याज का न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित करने से किसान न केवल नुकसान से बच सकेंगे, बल्कि यह उन्हें अपनी कृषि में निवेश करने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा।

बाजार की स्थिति
कर्नाटक में इस समय प्याज की कीमतें ₹10-12 प्रति किलोग्राम के बीच चल रही हैं, जबकि आमतौर पर यह ₹20-30 प्रति किलोग्राम के आसपास रहती है। इस मूल्य में गिरावट के कारण व्यापारी भी नुकसान में हैं, और किसानों को अपनी उपज को सस्ते में बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय किसानों के लिए यह एक संकट काल है, और अगर स्थिति जल्द नहीं सुधरी, तो इसका प्रभाव पूरे कृषि क्षेत्र पर पड़ेगा।

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