सोना लगातार तीसरे दिन रिकॉर्ड ऊंचाई पर, चांदी की रैली तेज; फेड कटौती और सप्लाई संकट से चमकी कीमती धातुएं

नई दिल्ली, 19 दिसंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): भारत में सोने-चांदी की कीमतों में तेजी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज सुबह सोना लगातार तीसरे दिन चढ़कर नए शिखर पर पहुंच गया, जबकि चांदी की रैली और मजबूत हुई है। घरेलू मांग, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीदें और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं ने सुरक्षित निवेश के रूप में कीमती धातुओं को मजबूत सपोर्ट दिया है।

राजधानी दिल्ली में 24 कैरेट सोने का भाव ₹1,35,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया है, जबकि 22 कैरेट सोना ₹1,23,760 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे प्रमुख महानगरों में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,34,850 प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का हाजिर भाव $4,325.02 प्रति औंस के आसपास बना हुआ है।

विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी श्रम बाजार में नरमी और बेरोजगारी दर के चार साल के उच्च स्तर पर पहुंचने से फेड पर आगे और दर कटौती का दबाव बढ़ा है। फेड गवर्नर क्रिस्टोफर वालर के हालिया बयान, जिसमें उन्होंने भविष्य में दरों में और कटौती की गुंजाइश बताई, ने सोने की तेजी को और बल दिया है। इसके साथ ही पश्चिम एशिया और यूरोप से जुड़े भू-राजनीतिक जोखिम भी निवेशकों को सुरक्षित एसेट्स की ओर मोड़ रहे हैं।

प्रमुख शहरों में सोने के ताजा रेट (₹/10 ग्राम)

शहर22 कैरेट24 कैरेट
दिल्ली1,23,7601,35,000
मुंबई1,23,6101,34,850
अहमदाबाद1,23,6601,34,900
चेन्नई1,23,6101,34,850
कोलकाता1,23,6101,34,850
हैदराबाद1,23,6101,34,850
जयपुर1,23,7601,35,000
भोपाल1,23,6601,34,900
लखनऊ1,23,7601,35,000
चंडीगढ़1,23,7601,35,000

चांदी में भी जबरदस्त उछाल
सोने के साथ-साथ चांदी ने भी जोरदार छलांग लगाई है। घरेलू बाजार में चांदी का भाव ₹2,11,100 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में हाजिर कीमत $66.04 प्रति औंस है। मजबूत औद्योगिक मांग, सिल्वर ETF में बढ़ता निवेश और वैश्विक सप्लाई की कमी ने चांदी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।

बाजार को उन रिपोर्ट्स से भी सपोर्ट मिला है जिनमें संकेत दिया गया है कि चीन 2026 से चांदी के निर्यात पर पाबंदी लगाने पर विचार कर सकता है। चीन का चांदी भंडार एक दशक के निचले स्तर पर बताया जा रहा है, जबकि वैश्विक स्तर पर चांदी की सप्लाई लगातार पांचवें साल घाटे में है। यही वजह है कि साल 2025 में अब तक चांदी की कीमतों में करीब 126% की उछाल दर्ज की गई है।

विश्लेषकों का मानना है कि जब तक वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, दर कटौती की उम्मीदें और सप्लाई-साइड दबाव बने रहेंगे, तब तक सोना और चांदी दोनों ऊंचे स्तरों पर बने रह सकते हैं।

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