मुंबई, 15 दिसंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी देखने को मिली। यह उछाल पिछले हफ्ते आई करीब 4% की गिरावट की आंशिक भरपाई करता दिखा।
हालांकि, भू-राजनीतिक तनाव और सप्लाई को लेकर आशंकाओं के चलते बाजार में डर और अस्थिरता बनी हुई है। ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 25 सेंट या 0.4% की बढ़त के साथ $61.37 प्रति बैरल पर पहुंच गया। वहीं, U.S. वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड 23 सेंट या 0.4% चढ़कर $57.67 प्रति बैरल पर कारोबार करता दिखा।
जियोपॉलिटिक्स से बढ़ी सप्लाई की चिंता
NLI रिसर्च इंस्टीट्यूट के सीनियर इकोनॉमिस्ट सुयोशी उएनो के मुताबिक, रूस-यूक्रेन के बीच संभावित शांति वार्ता उम्मीद और सतर्कता के बीच झूल रही है, जबकि अमेरिका और वेनेजुएला के बीच बढ़ता तनाव सप्लाई बाधित होने की आशंका को बढ़ा रहा है।
हालांकि, उनका कहना है कि बाजार में अभी साफ दिशा नहीं है और ओवरसप्लाई की चिंताएं बनी हुई हैं। अगर जियोपॉलिटिकल जोखिम तेज़ी से नहीं बढ़ते, तो WTI अगले साल की शुरुआत में $55 प्रति बैरल से नीचे फिसल सकता है।
रूस-यूक्रेन मोर्चे पर हलचल
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रविवार को बर्लिन में U.S. दूतों के साथ करीब पांच घंटे की बातचीत के दौरान NATO में शामिल होने की यूक्रेन की इच्छा छोड़ने की पेशकश की। यह बातचीत सोमवार को भी जारी रहने की संभावना है।
U.S. दूत Steve Witkoff ने कहा कि वार्ता में प्रगति हुई है, हालांकि विस्तृत जानकारी साझा नहीं की गई।
इससे पहले शुक्रवार को यूक्रेन की सेना ने मॉस्को के उत्तर-पूर्व में यारोस्लाव स्थित एक बड़ी रूसी तेल रिफाइनरी पर हमले का दावा किया, जिसके बाद इंडस्ट्री सूत्रों के अनुसार वहां उत्पादन रोक दिया गया।
रॉयटर्स के अनुमान के मुताबिक, दिसंबर में रूस का सरकारी तेल और गैस राजस्व करीब आधा घटकर 410 बिलियन रूबल ($5.12 बिलियन) रह सकता है। इसकी वजह कच्चे तेल की कम कीमतें और रूबल की मजबूती मानी जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भविष्य में कोई शांति समझौता होता है, तो पश्चिमी प्रतिबंधों में ढील के साथ रूस की तेल सप्लाई बढ़ सकती है, जिससे कीमतों पर दबाव आएगा।
वेनेजुएला फैक्टर से बाजार सतर्क
दूसरी ओर, वेनेजुएला में राजनीतिक अनिश्चितता भी तेल बाजार को परेशान कर रही है। विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो ने राजनीतिक बदलाव का वादा करते हुए चुपके से देश छोड़ा और नोबेल शांति पुरस्कार ग्रहण किया।
पिछले हफ्ते ट्रंप प्रशासन द्वारा एक तेल टैंकर जब्त किए जाने के बाद शिपिंग कंपनियों और जहाजों पर सख्ती बढ़ी है, जिसके चलते वेनेजुएला का तेल निर्यात तेजी से गिरा है।
सप्लाई साइड पर दबाव
सप्लाई पक्ष पर भी दबाव के संकेत हैं। अमेरिकी ऊर्जा कंपनियों ने पिछले तीन हफ्तों में दूसरी बार तेल और गैस रिग्स की संख्या घटाई है, जो आने वाले समय में उत्पादन पर असर डाल सकता है।
कुल मिलाकर, कच्चे तेल की कीमतों में मौजूदा तेजी के बावजूद बाजार की नजरें जियोपॉलिटिकल घटनाक्रम और सप्लाई संकेतों पर टिकी हुई हैं।
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