नई दिल्ली, 29 सितंबर (कृषि भूमि ब्यूरो):
उत्तर भारत के प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों — हरियाणा, पंजाब और राजस्थान — में आज कपास (Cotton) के भाव स्थिर देखे गए। व्यापारियों और बाजार विश्लेषकों के अनुसार, इसकी प्रमुख वजह स्पिनिंग मिलों की सीमित मांग और दैनिक आवक में बढ़ोतरी है।
पिछले कुछ दिनों से स्पिनिंग मिलें अत्यधिक कीमतों पर खरीदारी करने से बच रही हैं। कच्चे माल की बढ़ती कीमतों, धागे की घटती अंतरराष्ट्रीय मांग और ऊर्जा लागत में वृद्धि के कारण मिलों ने उत्पादन में कटौती की है।
“हम केवल उतनी ही खरीद कर रहे हैं जितनी ज़रूरत है, क्योंकि मार्केट में भाव तेज़ होने के संकेत नहीं हैं,” – राजेंद्र मेहता, एक स्थानीय स्पिनिंग मिल संचालक, हिसार।
सितंबर के आखिरी सप्ताह में कपास की दैनिक आवक में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। पंजाब व हरियाणा के मंडियों में किसान बड़ी मात्रा में फसल लेकर पहुंच रहे हैं, जिससे मंडियों में सप्लाई बढ़ी है और कीमतें स्थिर बनी हुई हैं।
आज के प्रमुख रेट (प्रतिमण के अनुसार):
- हरियाणा: ₹6,700 – ₹7,000
- पंजाब: ₹6,800 – ₹7,050
- राजस्थान: ₹6,650 – ₹7,000
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह से यदि निर्यात या मिलों की मांग में कोई तेजी नहीं आती है, तो कीमतों में और गिरावट संभव है।
किसानों की नजर अब केंद्र सरकार की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) योजना और संभावित खरीद नीति पर टिकी है। यदि सरकार मंडियों में सक्रिय हुई, तो यह कीमतों को स्थिर रखने में मददगार हो सकती है।
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