मुंबई, 05 अगस्त (कृषि भूमि डेस्क):
देशभर में काली मिर्च (black pepper) की बढ़ती मांग और सक्रिय खरीदी की वजह से घरेलू बाजार में इसके दामों में तेज़ी दर्ज की गई है। पिछले एक सप्ताह के भीतर काली मिर्च की कीमतों में ₹15 से ₹20 प्रति किलो तक का उछाल देखा गया है, जिससे व्यापारियों और किसानों दोनों को राहत की उम्मीद जगी है।
मसाला मंडियों में लौट रही रौनक
कोच्चि, कोयंबटूर, एर्नाकुलम और बैंगलोर जैसी प्रमुख मसाला मंडियों में काली मिर्च की व्यापारिक गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू उपभोक्ता मांग के साथ-साथ खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों और निर्यातकों की ओर से भी ऑर्डर में तेजी देखी जा रही है। केरल मसाला बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया, “अभी दक्षिण भारत के कई हिस्सों में बारिश के चलते फसल कटाई और सप्लाई थोड़ी धीमी है, जबकि मांग लगातार बनी हुई है। यही वजह है कि कीमतों में यह उछाल आया है।”
वर्तमान मूल्य रुझान:
– सामान्य गुणवत्ता वाली काली मिर्च: ₹520–₹540 प्रति किलो
– उच्च गुणवत्ता वाली काली मिर्च: ₹580–₹600 प्रति किलो
– निर्यात स्तर पर कीमतें: $6,500 प्रति टन के आसपास
किसानों को राहत की उम्मीद
काली मिर्च के भाव बढ़ने से उन किसानों को लाभ मिलने की संभावना है, जिन्होंने पिछली फसल को स्टोर कर रखा था। वे अब बेहतर मूल्य पर अपनी उपज बेच सकते हैं। वहीं, मसाला उत्पादकों का मानना है कि यदि यह रुझान बरकरार रहता है, तो आगामी सीजन में काली मिर्च की बुवाई क्षेत्रफल में वृद्धि हो सकती है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यदि आगामी महीनों में मानसून सामान्य रहता है और निर्यात ऑर्डर लगातार आते हैं, तो काली मिर्च के दाम ₹600 के पार भी जा सकते हैं। हालांकि, विदेशी बाजारों में प्रतिस्पर्धा भी बनी हुई है। काली मिर्च बाजार में तेजी फिलहाल मांग और आपूर्ति के असंतुलन से प्रेरित है। यदि यह ट्रेंड जारी रहा, तो मसाला क्षेत्र को एक नई आर्थिक ऊर्जा मिल सकती है।
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