Budget 2024: टैक्स से लेकर रोजगार तक, बजट में निर्मला सीतारमण से आम आदमी की ये उम्मीदें हैं

केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार छठी बार केंद्रीय बजट 2024 पेश करने जा रही हैं। आज से महज चार दिन यानी 1 फरवरी 2024 को वित्त मंत्री बजट पेश करेंगी। इस बार बजट में डिफेंस सेक्टर्स के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर बड़ा ऐलान हो सकता है। इसके अलावा उम्मीद की जा रही है कि निर्मला सीतारमण बजट में मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों के लिए कुछ खास घोषणाएं भी कर सकती हैं। इसके साथ ही कृषि, किसान और महिलाओं के लिए भी बजट में कुछ खास हो सकता है।

असल में आम आदमी के लिए सबसे बड़ी चिंता बजट में रोजगार की है। बेरोजगारी की चिंताओं का सामना करते हुए, मध्यम वर्ग उत्सुकता से उन नीतियों और योजनाओं की प्रतीक्षा कर रहा है जो रोजगार के अधिक अवसर पैदा कर सकते हैं। चुनाव के मद्देनजर अंतरिम बजट से नौकरी के अवसर बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही मध्यम वर्ग के लिए कर कटौती, किफायती आवास, मुद्रास्फीति से राहत और आवास ऋण की ब्याज दर में कमी जैसी चीजों की भी घोषणा होने की संभावना है। क्योंकि पिछले दो साल में होम लोन की दरें भी 50 फीसदी बढ़ चुकी हैं।

रोजगार योजना का विस्तार

यह उम्मीद की जा रही है कि भारत सरकार आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY) का विस्तार कर सकती है, जो कंपनियों को सब्सिडी प्रदान करती है। इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे। यह योजना मार्च 2024 तक समाप्त होने वाली है। वहीं ग्रामीण रोजगार योजना के तहत नरेगा का बजट भी बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा रेलवे, डिफेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सेक्टर में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कुछ खास घोषणाएं की जा सकती हैं।

इनकम टैक्स में छूट की उम्मीद

मिडिल क्लास के लिए टैक्स का बोझ कम करने के लिए केंद्र सरकार इस बजट में इनकम टैक्स में छूट का ऐलान भी कर सकती है। उम्मीद की जा रही है कि इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत छूट का दायरा बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये से ज्यादा सालाना किया जा सकता है। अगर ऐसा किया जाता है तो पीपीएफ से लेकर इंश्योरेंस तक के तहत दी जाने वाली टैक्स छूट ज्यादा होगी, जिसका सीधा फायदा मध्यम वर्ग और वेतनभोगी कर्मचारियों को मिलेगा।

बीमा को जीएसटी से छूट

बजट 2024 में बीमा पर छूट की घोषणा भी की जा सकती है। उम्मीद की जा रही है कि आगामी बजट में वित्त मंत्री बीमा पॉलिसियों को जीएसटी से छूट देंगी , जिससे बीमा प्रीमियम में कमी आएगी। छूट मिलने से बीमा की संख्या भी बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था में भी वृद्धि होगी।

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