बिहार में मछुआरों को बड़ी राहत: नाव और जाल खरीद पर 90% तक सरकारी अनुदान

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): बिहार के ग्रामीण इलाकों में मत्स्य पालन तेजी से आजीविका का मजबूत जरिया बनता जा रहा है। इसी दिशा में राज्य सरकार मत्स्य क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने और मछुआरों की आय बढ़ाने के लिए लगातार नई योजनाएं लागू कर रही है। अब डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग ने मछुआरों के लिए एक अहम योजना शुरू की है, जिसके तहत नाव और जाल की खरीद पर भारी अनुदान दिया जाएगा।

नाव एवं जाल पैकेज वितरण योजना के अंतर्गत राज्य मत्स्यजीवी सहयोग समिति के सदस्य और परंपरागत मछुआरों को नाव या जाल की खरीद पर 90 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा। विभाग ने इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है और वर्ष के अंत तक आवेदन करने का निर्देश जारी किया गया है।

कौन ले सकता है योजना का लाभ
इस योजना का लाभ परंपरागत मछुआरों के साथ-साथ महिला मछुआरे, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के मछुआरे भी उठा सकते हैं। राज्य के सभी 38 जिलों के पात्र मछुआरों को इस योजना में शामिल किया गया है।

योजना के तहत एक व्यक्ति या एक परिवार को अधिकतम एक ही अवयव—फिशिंग वुडन बोट पैकेज, फिशिंग एफआरपी बोट पैकेज या कॉस्ट (फेका) जाल पैकेज—का लाभ मिलेगा।

आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन के समय निम्न जानकारी और दस्तावेज अनिवार्य होंगे:

  • मोबाइल नंबर
  • बैंक शाखा का नाम
  • बैंक खाता संख्या और IFSC कोड
  • आधार कार्ड नंबर
  • बैंक खाता विवरण
  • मत्स्य शिकारमाही (मछली पकड़ने) से जुड़े प्रमाण पत्र

नाव और जाल की तय इकाई लागत
विभाग की ओर से पैकेज की इकाई लागत पहले से निर्धारित की गई है:

  • फिशिंग वुडन बोट पैकेज: ₹1,24,400
  • फिशिंग एफआरपी बोट पैकेज: ₹1,54,400
  • कॉस्ट (फेका) जाल पैकेज: ₹16,700

इन लागतों पर पात्र लाभार्थियों को 90% तक अनुदान मिलेगा। लाभार्थियों का चयन उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा।

कैसे करें आवेदन
इच्छुक मछुआरे विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://fisheries.bihar.gov.in पर 31 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। योजना से जुड़ी विस्तृत जानकारी संबंधित जिला मत्स्य कार्यालय से भी प्राप्त की जा सकती है।

सरकार का मानना है कि इस योजना से न केवल मछुआरों की कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार, आय और मत्स्य उत्पादन—तीनों को नई मजबूती मिलेगी।

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