Agri News: देश के कृषि क्षेत्र में नवाचार और डिजिटल क्रांति की दिशा में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि भारत के 731 कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) को जल्द ही ब्रॉडबैंड इंटरनेट, प्रोजेक्टर और अन्य डिजिटल संसाधनों से लैस किया जाएगा। इस तकनीकी उन्नयन के माध्यम से देश के लाखों किसानों को वीडियो मैसेज (Video Message) के जरिए नवीनतम कृषि तकनीकों (New Agricultural Technology) , वैज्ञानिक सलाह और प्रशिक्षण सामग्री सुलभ कराई जाएगी।
डिजिटल माध्यम से सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
इस योजना का उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक पद्धतियों से खेती करने की ओर प्रोत्साहित करना है। अब तक अनेक किसान पारंपरिक ज्ञान या सीमित संसाधनों के आधार पर खेती कर रहे हैं, जिससे उन्हें उत्पादन में कमी, कीट प्रकोप, मौसम अनिश्चितता, और बाजार मूल्य अस्थिरता जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वीडियो संदेशों के माध्यम से उन्हें फसल चक्र, उन्नत बीज, सिंचाई तकनीक, मृदा परीक्षण, कीट नियंत्रण और पशुपालन जैसे विषयों पर नियमित और क्षेत्रीय भाषाओं में जानकारी दी जाएगी।
यह वीडियो संदेश विशेषज्ञ वैज्ञानिकों, कृषि अधिकारियों और अनुभवी किसानों द्वारा रिकॉर्ड किए जाएंगे। इन संदेशों को आसानी से समझने योग्य और व्यवहारिक सलाह के रूप में डिज़ाइन किया जाएगा, ताकि छोटे और सीमांत किसान भी इसका लाभ उठा सकें।
कृषि विज्ञान केंद्रों की भूमिका होगी केंद्रीय
देशभर के कृषि विज्ञान केंद्र लंबे समय से किसानों को प्रशिक्षण, बीज वितरण, प्रदर्शन प्लॉट, और तकनीकी सलाह प्रदान करते आ रहे हैं। लेकिन अब इन केंद्रों को डिजिटल सूचना प्रसार के आधुनिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्रत्येक केंद्र पर डिजिटल स्टूडियो, प्रोजेक्शन इकाई, हाई-स्पीड इंटरनेट और कंप्यूटर स्थापित किए जाएंगे। किसान यहां आकर वीडियो देखकर सीख सकेंगे, साथ ही अपनी समस्याओं के समाधान के लिए वीडियो कॉल या रिकॉर्डेड सलाह भी प्राप्त कर सकेंगे।
दूरदराज़ और पिछड़े इलाकों के किसान होंगे मुख्य लाभार्थी
देश के कई आदिवासी, पहाड़ी और सूखा-प्रवण क्षेत्रों में अब भी कृषि जानकारी की पहुंच सीमित है। इन क्षेत्रों के किसानों तक सही समय पर उचित जानकारी नहीं पहुँचती, जिससे वे नुकसान उठाते हैं। वीडियो मैसेज और डिजिटल कनेक्टिविटी के माध्यम से यह जानकारी अब हर गाँव तक पहुँचाई जा सकेगी। सरकार का उद्देश्य है कि 2026 तक प्रत्येक KVK से कम से कम 10,000 किसानों को डिजिटल रूप से जोड़ा जाए।
भविष्य की दिशा और संभावनाएँ
शिवराज सिंह चौहान ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह योजना केवल जानकारी तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसके जरिए कृषि-स्टार्टअप्स, स्मार्ट खेती, ड्रोन (Drones) उपयोग, जैविक खेती, और प्राकृतिक खेती जैसे विषयों को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे भारत की कृषि उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी और किसान नवाचार अपनाकर अधिक आय अर्जित कर सकेंगे। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “डिजिटल इंडिया” और “दूसरी हरित क्रांति” के विजन से भी मेल खाती है, जिसका उद्देश्य है कि तकनीक को गांव-गांव तक पहुँचाया जाए।
कुल मिलाकर, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की यह योजना भारतीय कृषि प्रणाली को डिजिटल युग में एक मजबूत आधार प्रदान करेगी। इससे न केवल किसानों का तकनीकी सशक्तिकरण होगा, बल्कि उन्हें वैश्विक कृषि बाजारों से प्रतिस्पर्धा करने योग्य ज्ञान और कौशल भी प्राप्त होंगे। यह एक ऐसा कदम है जो कृषि क्षेत्र के भविष्य को अधिक उन्नत, लाभकारी और टिकाऊ बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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