वारंगल/गुंटूर, 29 जुलाई (कृषि भूमि ब्यूरो):
देश के प्रमुख मिर्ची (Chili) उत्पादक क्षेत्रों में इस सप्ताह मिर्च की कीमतों में मिला-जुला रुझान देखने को मिला। जहां तेलंगाना के वारंगल मंडी में आवक में गिरावट के कारण कीमतों में हल्की तेजी आई, वहीं गुंटूर और अन्य प्रमुख मंडियों में भाव स्थिर से लेकर थोड़े कमजोर स्तर पर रहे।
वारंगल मंडी में तेजी का कारण
वारंगल की प्रमुख एग्री मंडी में इस सप्ताह मिर्च की दैनिक आवक घटकर 35,000 से 40,000 बोरी रह गई, जो पिछले सप्ताह लगभग 55,000 बोरी थी। कम आवक और चुनिंदा खरीदारों की मजबूत मांग ने बाजार को समर्थन दिया।
यहां 334 S10 किस्म की कीमत ₹19,000 से ₹21,000 प्रति क्विंटल और Teja किस्म ₹16,500 से ₹18,500 के दायरे में बिकी, जो पिछले सप्ताह की तुलना में ₹200–₹300 अधिक है।
गुंटूर में स्थिरता का माहौल
आंध्र प्रदेश की गुंटूर मंडी, जो देश की सबसे बड़ी मिर्ची मंडी मानी जाती है, वहां इस सप्ताह कीमतें लगभग स्थिर रहीं। भारी स्टॉक और खरीदारों की सतर्कता के चलते यहां मांग में बहुत तेजी नहीं देखी गई।
गुंटूर में Teja मिर्च ₹17,000–₹18,200 प्रति क्विंटल पर कारोबार करती रही, जबकि 334 S10 ₹20,500 के करीब रही। व्यापारियों का कहना है कि निर्यात ऑर्डर की गति धीमी है और घरेलू खरीदार केवल आवश्यकतानुसार खरीद कर रहे हैं।
व्यापारियों और विश्लेषकों की राय
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि आवक में उतार-चढ़ाव और निर्यात मांग में अनिश्चितता के कारण मिर्ची बाजार में स्थिरता बनी रहेगी। त्योहारी मांग के संकेत मिलने पर कीमतों में और सुधार की संभावना जताई जा रही है।
यदि अगस्त में बारिश अधिक होती है, तो फसल को नुकसान और आपूर्ति पर असर पड़ सकता है, जिससे भाव बढ़ सकते हैं। दूसरी ओर, यदि नई फसल की पहली तुड़ाई जल्दी शुरू होती है, तो आवक बढ़ेगी और कीमतें दबाव में आ सकती हैं।
इस समयमिर्ची बाजार में स्थानीय मांग, क्षेत्रीय आवक और निर्यात ऑर्डरों की स्थिति के आधार पर अलग-अलग रुझान दिखाई दे रहे हैं। वारंगल जैसे बाजारों में भाव में हल्की तेजी है, जबकि अन्य मंडियों में स्थिरता बनी हुई है।
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