नई दिल्ली, 08 दिसंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के नए अनुमान के अनुसार, वैश्विक अनाज उत्पादन 2025 में पहली बार 3 अरब (300.3 करोड़) टन का रिकॉर्ड स्तर छूने वाला है। गेहूं, मोटे अनाज और चावल – तीनों श्रेणियों में उत्पादन बढ़ने के संकेत हैं। इस वृद्धि में अर्जेंटीना, यूरोपीय संघ और अमेरिका में मजबूत गेहूं उत्पादन का सबसे बड़ा योगदान है। भारत और चीन में भी गेहूं भंडार उल्लेखनीय रूप से बढ़ने की उम्मीद है।
गेहूं, मोटे अनाज और चावल में मजबूत बढ़ोतरी
अर्जेंटीना इस वर्ष रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन की ओर बढ़ रहा है, जिसका कारण अधिक बुवाई क्षेत्र और अनुकूल मौसम है। यूरोपीय संघ और अमेरिका में भी गेहूं उत्पादन अनुमान बढ़ाए गए हैं।
मोटे अनाज में भी वृद्धि देखी जा रही है, मुख्यतः जौ की अधिक पैदावार से। चावल को लेकर FAO ने इंडोनेशिया के अनुमानों को ऊपर किया है—वहां अधिक क्षेत्र में खेती होने से उत्पादन बढ़ने की संभावना है।
बांग्लादेश और जापान में बेहतर फसल हालात ने वैश्विक चावल उत्पादन अनुमान को बढ़ाकर 55.88 करोड़ टन के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचा दिया है।
उत्तरी गोलार्ध में शीतकालीन बुवाई की स्थिति
उत्तरी गोलार्ध में 2026 की शीतकालीन गेहूं बुवाई जारी है। अमेरिका में बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है, हालांकि सूखे के कारण फसल की स्थिति पिछले वर्ष की तुलना में कमजोर है।
यूरोपीय संघ में मौसम अनुकूल है, जबकि इटली के कुछ हिस्सों में कम वर्षा चिंता का विषय है। रूस और यूक्रेन में मिट्टी की स्थिति में सुधार हुआ है, जिससे अगले वर्ष बेहतर बुवाई क्षेत्र की संभावना है, हालांकि यूक्रेन की भूमि 2022 के युद्ध-पूर्व स्तर से अभी भी कम रहेगी।
भारत और पाकिस्तान में आकर्षक कीमतें और सरकारी समर्थन बुवाई क्षेत्र बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
दक्षिणी गोलार्ध में मक्का और ज्वार की संभावनाएं
दक्षिणी गोलार्ध में मोटे अनाज की बुवाई जारी है। अर्जेंटीना में अनुकूल बारिश और बढ़े मक्का क्षेत्र के आधार पर उत्पादन में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
ब्राज़ील में घरेलू और निर्यात मांग मजबूत रहने से मक्का क्षेत्र और बढ़ सकता है। दक्षिण अफ्रीका में भी पीली मक्का किस्मों के अधिक रकबे के चलते हल्की बढ़ोतरी की संभावना बन रही है।
वैश्विक खपत में वृद्धि
FAO का अनुमान है कि 2025-26 में दुनिया भर की अनाज खपत 592 लाख टन (2.1%) बढ़ सकती है। मक्का और चावल की मांग इसका प्रमुख आधार होगी। स्थिर कीमतें और पर्याप्त आपूर्ति पशु चारे में मोटे अनाज की खपत बढ़ा सकती हैं। चावल की कुल खपत 55.28 करोड़ टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकती है।
2026 तक अनाज भंडार रिकॉर्ड स्तर पर
विश्व अनाज भंडार 2026 के अंत तक बढ़कर 92.55 करोड़ टन होने का अनुमान है। इसमें चीन और भारत में बढ़ते गेहूं भंडार का सबसे बड़ा योगदान रहेगा।
मोटे अनाज का स्टॉक अमेरिका और ब्राज़ील जैसे प्रमुख निर्यातकों में बढ़ने की उम्मीद है। प्रमुख निर्यातकों का स्टॉक-टू-यूज़ अनुपात 22.3% तक पहुंच सकता है—जो 1990 के दशक की शुरुआत के बाद सबसे ऊंचा स्तर है।
चावल का भंडार 21.68 करोड़ टन होने का अनुमान है, जिसमें इंडोनेशिया के बढ़ते भंडार प्रमुख हैं। यह वैश्विक खपत के लगभग 4.6 महीनों के बराबर होगा।
वैश्विक व्यापार में 3.3% की बढ़ोतरी
2025-26 में विश्व अनाज व्यापार 50.06 करोड़ टन तक पहुंचने की संभावना है। पाकिस्तान, तुर्किये और एशियाई देशों की बढ़ती मांग से गेहूं व्यापार में सुधार होने की उम्मीद है। मोटे अनाज के व्यापार में भी वृद्धि संभावित है, जिसमें ब्राज़ील एक बड़ा ज्वार निर्यातक बनकर उभर रहा है। चावल का व्यापार 2026 में लगभग 612 लाख टन पर स्थिर रह सकता है, हालांकि 2025 के मुकाबले इसमें थोड़ी गिरावट संभव है।
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