नई दिल्ली, 19 नवंबर कृषि भूमि ब्यूरो): केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने मंगलवार (18 नवंबर 2025) को पीडीएस में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से कई डिजिटल पहलें शुरू कीं। इनमें सबसे प्रमुख अन्न सहायता समग्र एआई समाधान (ASHA) है, जो एक एआई-आधारित प्लेटफ़ॉर्म है। यह लाभार्थियों को उनकी पसंदीदा भाषा में एआई-संचालित कॉल के माध्यम से राशन वितरण पर अपनी प्रतिक्रिया साझा करने की सुविधा देता है।
सरकार का कहना है कि इस प्लेटफ़ॉर्म की कुल लागत ₹5 लाख है, जो पारंपरिक कॉल सेंटर चलाने की तुलना में काफी कम है। यह पहल सुनिश्चित करती है कि देशभर के लाभार्थियों की आवाज सीधे और सटीक रूप से सिस्टम तक पहुंचे।
ASHA कैसे काम करता है?
ASHA प्लेटफ़ॉर्म बहुभाषी अनुवाद, भावना विश्लेषण, स्वचालित शिकायत वर्गीकरण और रीयल-टाइम मॉनिटरिंग डैशबोर्ड जैसी उन्नत एआई क्षमताओं का उपयोग करता है। वाधवानी फाउंडेशन के सहयोग से बनाए गए इस सिस्टम को भारत एआई मिशन और भाषिणी के बहुभाषी एआई ढाँचे का समर्थन प्राप्त है।
सरकार के अनुसार, यह प्लेटफ़ॉर्म हर महीने 20 लाख लाभार्थियों तक पहुँच रहा है और यह जानने में मदद कर रहा है कि लाभार्थियों को पूरा राशन मिल रहा है या नहीं, खाद्यान्न की गुणवत्ता कैसी है और उचित मूल्य दुकानों पर उन्हें किसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है या नहीं।
भंडारण 360: केंद्रीय भंडारण निगम का ERP सिस्टम
मंत्री प्रल्हाद जोशी ने ‘भंडारण 360’ नामक नए ERP प्लेटफ़ॉर्म का भी शुभारंभ किया। यह सिस्टम केंद्रीय भंडारण निगम के प्रमुख कामकाज को पूरी तरह एकीकृत कर देता है। इसमें मानव संसाधन, वित्त, विपणन, गोदाम प्रबंधन, अनुबंध, परियोजना निगरानी जैसे 41 मॉड्यूल शामिल हैं।
सरकार के अनुसार यह पहल लॉजिस्टिक्स लागत कम करने और सप्लाई चेन के टर्नओवर समय में कमी लाने में बड़ी भूमिका निभाएगी।
अन्न दर्पण: अनाज प्रबंधन का एकीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म
सरकार ने मौजूदा डिपो ऑनलाइन सिस्टम की जगह लेने वाला नया अन्न दर्पण प्लेटफ़ॉर्म भी लॉन्च किया है। यह एक माइक्रोसर्विसेज़-आधारित सिस्टम है जो खरीद, भंडारण, परिवहन, बिक्री, गुणवत्ता जांच, श्रमिक प्रबंधन और अनुबंध निगरानी जैसी गतिविधियों को एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर लाता है।
सरकार का कहना है कि यह सिस्टम FCI और DFPD दोनों के लिए “सत्य का एक एकीकृत स्रोत” बनकर काम करेगा।
AI और डिजिटलीकरण से PDS में बड़े बदलाव की तैयारी
मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि ये पहलें सरकार के लॉजिस्टिक्स लागत घटाने और आपूर्ति श्रृंखला में दक्षता बढ़ाने के मिशन को मजबूती देंगी। पीएम गति शक्ति कार्यक्रम ने पहले ही परिवहन के विभिन्न साधनों के एकीकरण का रास्ता साफ किया है, और नई डिजिटल पहलें इस लक्ष्य को और आगे ले जाएंगी।
नई तकनीकी पहलों के साथ सरकार PDS को अधिक पारदर्शी, अधिक जवाबदेह और पूरी तरह डेटा-ड्रिवन बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।
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