उत्तर प्रदेश में धान की भारी आमद: 2.43 लाख MT खरीद पूरी, तेज़ भुगतान और 4,110 केंद्रों पर रिकॉर्ड खरीद जारी

लखनऊ, 14 नवंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): उत्तर प्रदेश धान खरीद के मामले में इस बार खासा सक्रिय है। विपणन सत्र 2025-26 के दौरान राज्य में धान की भारी आमद देखने को मिल रही है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, अब तक 2.43 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है, जबकि 3,58,372 किसानों ने पंजीकरण कराया है।

राज्य सरकार इस बार रीद प्रणाली को अधिक पारदर्शी और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने पर जोर दे रही है। धान खरीद के लिए इस वर्ष 4,110 क्रय केंद्र सक्रिय हैं, जो जिले-जिले में किसानों को सुगम पहुंच प्रदान कर रहे हैं। इन केंद्रों पर भीड़ को कम करने और प्रक्रिया को तेज करने के लिए डिजिटलीकरण पर भारी जोर दिया गया है।

MSP पर धान खरीद जारी
सरकार ने इस वर्ष धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) इस प्रकार तय किया है:

  • धान कॉमन – ₹2,369 प्रति क्विंटल
  • धान ग्रेड-A – ₹2,389 प्रति क्विंटल

MSP के तहत खरीद होने से किसानों को अपनी फसल का सुनिश्चित मूल्य मिलता है, जिससे उनका आर्थिक जोखिम कम होता है।

टेक्नोलॉजी की बदौलत 48 घंटे में भुगतान
इस बार खरीद प्रणाली में बड़ा बदलाव इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन और डिजिटल भुगतान है। किसानों को भुगतान 48 घंटे के भीतर उनके खाते में भेजा जा रहा है। भुगतान व्यवस्था में e-POP (इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट-ऑफ-परचेज) तकनीक और बायोमेट्रिक सत्यापन को शामिल किया गया है। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि बिचौलियों की भूमिका भी लगभग समाप्त हो गई है।

सरकारी अधिकारियों के अनुसार, यह मॉडल भविष्य में फसल खरीद प्रणाली को और अधिक विश्वसनीय बनाएगा।

किसानों और कृषि उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

  • समय पर पंजीकरण: यदि आप यूपी में धान की खेती करते हैं, तो MSP लाभ पाने के लिए जल्द से जल्द अपना पंजीकरण पूरा करें।
  • डिजिटल दस्तावेज तैयार रखें: बायोमेट्रिक सत्यापन और e-POP प्रक्रिया के चलते सभी आवश्यक दस्तावेज साथ रखें।
  • खरीद केंद्रों की जानकारी लें: अपने जिले के क्रय केंद्रों की सूची देखें, ताकि आप सुविधानुसार धान बेच सकें और भीड़ से बचें।
  • भुगतान जानकारी ट्रैक करें: भुगतान देरी होने पर संबंधित जिला खाद्य विभाग से संपर्क करें।

तेजी से चल रही धान खरीद और भुगतान प्रक्रिया राज्य में कृषि-तंत्र की मजबूती का संकेत देती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे किसानों की आय सुरक्षा और सरकारी खरीद प्रणाली पर भरोसा और बढ़ेगा।

===

हमारे लेटेस्ट अपडेट्स और खास जानकारियों के लिए अभी जुड़ें — बस इस लिंक पर क्लिक करें:
https://whatsapp.com/channel/0029Vb0T9JQ29759LPXk1C45

 

शेयर :

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp

संबंधित श्रेणी न्यूज़

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें

ताज़ा न्यूज़

विज्ञापन

विशेष न्यूज़

Stay with us!

Subscribe to our newsletter and get notification to stay update.

राज्यों की सूची