लखनऊ, 13 नवंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): उत्तर प्रदेश सरकार ने रबी सीजन में बेहतर उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए किसानों को समय पर खेती करने की सलाह दी है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि गेहूं की बुआई 25 नवंबर तक पूरी कर लेना अत्यंत जरूरी है ताकि फसल को अनुकूल मौसम, सही तापमान और पर्याप्त वृद्धि अवधि मिल सके। उनका कहना है कि देरी से बुआई करने पर उपज में गिरावट आती है और किसानों का लागत-लाभ अनुपात सीधे प्रभावित होता है।
कृषि मंत्री ने एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में बताया कि सरकार राज्यभर में बीज और उर्वरक उपलब्धता की कड़ी निगरानी कर रही है। उन्होंने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि किसानों को DAP, यूरिया और अन्य उर्वरकों की कमी न हो, इसके लिए वितरण व्यवस्था को रियल-टाइम मॉनिटर किया जाए।
गेहूं की समय सीमा इतनी महत्वपूर्ण क्यों?
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार गेहूं की बुआई का आदर्श समय 15 से 25 नवंबर माना जाता है। इसी अवधि में बुआई करने से पौधे को संतुलित तापमान मिलता है, दाना भराव मजबूत होता है, रोग प्रकोप कम रहता है, और प्रति हेक्टेयर उपज में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जाती है।
देर से बुआई करने पर तापमान तेजी से बढ़ने से दाना विकास रुकता है, फसल की अवधि घटती है, और कुल पैदावार कम हो जाती है।
बीज–उर्वरक आपूर्ति पर कड़ी निगरानी
शाही ने कहा कि जिलेवार बीज भंडारण केंद्रों और उर्वरक डिपो पर निरीक्षण बढ़ा दिया गया है। प्रदेश में खेती योग्य क्षेत्र को देखते हुए प्रमाणित बीज और उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कर दी गई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सप्लाई में बाधा आने पर तुरंत कार्रवाई करें।
समय पर बुआई से खेती की लागत भी घटती है
मंत्री ने कहा कि समय पर बुआई करने से अतिरिक्त सिंचाई की जरूरत कम होती है, फसल रोगों का खतरा घटता है, और अंततः किसान को अधिक लाभ मिलता है। इसलिए किसानों को चाहिए कि मौसम अनुकूल रहते ही बुआई निपटा लें।
सूर्य प्रताप शाही ने किसानों से अपील की है कि वे निर्धारित समय सीमा में बुआई पूरी करें और किसी भी समस्या की स्थिति में नजदीकी कृषि विभाग से संपर्क करें। उन्होंने भरोसा दिया कि रबी सीजन को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार हर स्तर पर सक्रिय है।
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