अहमदाबाद, 9 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो): गुजरात कॉटन सीड्स क्रशर्स एसोसिएशन (GCA) की कड़ी में आयोजित बैठक में वर्ष 2025-26 के लिए राज्य में कपास उत्पादन का विस्तृत आकलन किया गया। संगठन के अनुसार, गुजरात में इस वर्ष कुल 77 लाख गांठ (bales) कपास का उत्पादन होने की संभावना है।
कपास की खेती में 2.5% की गिरावट
GCA ने बताया कि गुजरात में कपास की खेती का क्षेत्रफल पिछले वर्ष की तुलना में 2.5% घटकर 2.11 मिलियन हेक्टेयर रह गया है। इसका प्रमुख कारण अनियमित मानसून और फसल को हुई वर्षाजन्य क्षति है।
राज्य में 65 लाख गांठ कपास की पेराई का अनुमान है। हालांकि, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों से भी कपास गुजरात में पेराई के लिए लाया जाता है। बाहरी राज्यों के योगदान को मिलाकर यह आंकड़ा 77 लाख गांठ तक पहुँच सकता है।
इसके अतिरिक्त, गुजरात में 2.376 मिलियन टन घरेलू कपास आएगा, साथ ही 1 मिलियन टन आयातित कपास की खरीददारी से बाजार को कुल 2.476 मिलियन टन कपास मिलेगा।
बिनौला और खली उत्पादन का भी अनुमान
– कपास खली का उत्पादन: 47 मिलियन बैग
– कपास वाश (तेल): अनुमानित 2.63 मिलियन टन या लगभग 26,360 टैंकर
मंडियों में आवक में वृद्धि
गर्मी की वापसी और चक्रवात की तीव्रता कम होने के बाद कपास की आवक में तेजी आई है।
- सोमवार को 1.40 लाख मन की आवक दर्ज की गई, जबकि
- शनिवार को यह 1.10 लाख मन रही थी।
मुख्य मंडियों की आवक:
- हलवद: 24,000 मन
- बोटाद: 38,000 मन
- राजकोट-अमरेली: 13,000 मन
- सावरकुंडला: 9,000 मन
बाजार भाव और गुणवत्ता
वर्तमान में मंडियों में कपास के दाम ₹850 से ₹1580 प्रति टन के बीच चल रहे हैं। हालांकि, मानसून के प्रभाव से अब तक 90% कपास गीला है, जिससे अच्छी गुणवत्ता वाली फसल की कमी देखी जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर अगले 10 दिनों तक गर्मी बनी रही, तो अच्छी गुणवत्ता वाला सूखा कपास बाजार में आने लगेगा।
GCA की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि भले ही इस वर्ष गुजरात में कपास की खेती कुछ घटी हो, परंतु पेराई और बाहरी राज्यों से आयात के चलते कुल उत्पादन स्थिर रहने की उम्मीद है। किसान और व्यापारी दोनों के लिए आने वाले सप्ताह महत्वपूर्ण रहने वाले हैं।
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