नई दिल्ली, 25 सितंबर (कृषि भूमि ब्यूरो):
देश में इस खरीफ सीज़न के दौरान मक्के की फसल की स्थिति बेहतर बताई जा रही है। अधिकतर राज्यों में अनुकूल वर्षा, सही समय पर बोवाई, और आधुनिक खेती तकनीकों के कारण मक्का उत्पादन में बंपर फसल की उम्मीद है।
हालांकि, किसानों और व्यापारियों को यह भी देखने को मिल रहा है कि मक्के की कीमतें पिछले कुछ हफ्तों से स्थिर थीं, लेकिन अब उनमें थोड़ी नरमी देखने को मिल रही है।
एथेनॉल टेंडर में सुस्ती का असर
सरकार द्वारा एथेनॉल उत्पादन के लिए मक्का की खरीद की योजनाएं बनी थीं, लेकिन हाल के दिनों में इस दिशा में टेंडर प्रक्रिया धीमी रही है। इसका सीधा असर बाजार की मांग पर पड़ा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि:
“यदि एथेनॉल के लिए मक्का की सरकारी खरीद सक्रिय होती है, तो कीमतों को सहारा मिल सकता है। लेकिन मौजूदा सुस्ती के कारण भावों पर दबाव है।”
मूल्य स्थिति (सितम्बर 2025 के अनुसार)
मंडी | औसत भाव (₹/क्विंटल) | पिछले सप्ताह से बदलाव |
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मध्य प्रदेश (छिंदवाड़ा) | ₹1,850 | – ₹30 |
बिहार (पटना) | ₹1,780 | – ₹20 |
कर्नाटक (हुबली) | ₹1,900 | स्थिर |
👉 न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2025-26: ₹2,090 / क्विंटल
भविष्य की संभावनाएं
- बंपर उत्पादन से आपूर्ति में वृद्धि
- यदि निर्यात मांग नहीं बढ़ी और सरकारी खरीद सक्रिय नहीं हुई, तो कीमतों पर और दबाव संभव
- फीड इंडस्ट्री और एथेनॉल सेक्टर की खरीद चालू होने पर कीमतों को समर्थन मिल सकता है
कृषि बाजार विश्लेषकों की सलाह है कि किसान मंडी में बिक्री से पहले भावों पर नजर रखें और अगर हो सके तो स्टोरेज करके बाजार सुधार का इंतजार करें। सरकार से मांग की जा रही है कि मक्का को एथेनॉल नीति में स्थायी रूप से शामिल किया जाए।
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