नई दिल्ली, 23 सितंबर (कृषि भूमि ब्यूरो):
केंद्र सरकार ने आगामी रबी सीजन 2025-26 के लिए खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य बढ़ाकर 362.5 मिलियन टन कर दिया है। यह लक्ष्य पिछले वर्ष की तुलना में 2.4 प्रतिशत अधिक है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में इस संबंध में जानकारी दी।
बैठक में बताया गया कि रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं के लिए इस बार 119 मिलियन टन का उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह आंकड़ा बीते साल की तुलना में थोड़ा अधिक है। गेहूं के अलावा चना, मसूर, जौ और सरसों जैसी रबी फसलों के उत्पादन में भी बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा गया है।
कृषि मंत्रालय ने अनुमान जताया है कि इस साल मानसून की बेहतर स्थिति और जलाशयों में पर्याप्त पानी की उपलब्धता के कारण रबी की बुवाई क्षेत्र में वृद्धि होगी। आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर 2025 तक देश के प्रमुख जलाशयों में औसत 80 प्रतिशत से अधिक पानी भरा हुआ है, जो रबी सीजन के लिए लाभकारी साबित होगा।
सरकार ने किसानों को समय पर बीज, उर्वरक और आधुनिक कृषि उपकरण उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। कृषि मंत्री चौहान ने राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे किसानों के लिए कृषि विस्तार सेवाओं को तेज करें, मृदा परीक्षण कार्यक्रम संचालित करें और प्रशिक्षण शिविरों के जरिए नई तकनीकों की जानकारी पहुंचाएं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य तभी पूरा हो सकता है जब मौसम अनुकूल बना रहे और किसानों को इनपुट्स की आपूर्ति में कोई बाधा न आए। कृषि विशेषज्ञ डॉ. आर.के. शर्मा के अनुसार, “देश में खाद्यान्न उत्पादन क्षमता मौजूद है, लेकिन बाढ़, ओलावृष्टि और मौसम की अनिश्चितता बड़ी चुनौती बनी हुई है। समय पर सरकारी मदद और तकनीकी सहयोग मिलने पर यह लक्ष्य हासिल करना संभव है।”
सरकार का मानना है कि यह पहल देश की खाद्य सुरक्षा को और मजबूत करेगी। साथ ही, अतिरिक्त उत्पादन से कृषि निर्यात को भी बल मिलेगा। पिछले वर्ष भारत ने करीब 23 मिलियन टन गेहूं और अन्य अनाज का निर्यात किया था। बढ़ते उत्पादन लक्ष्य के साथ ग्रामीण आय में भी बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है।
कृषि मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि उत्पादन लक्ष्य सिर्फ संख्यात्मक उपलब्धि नहीं है, बल्कि इसके जरिए किसानों को अधिक लाभकारी मूल्य, रोजगार में वृद्धि और देश की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना है।
कुल मिलाकर, रबी सीजन 2025-26 में केंद्र सरकार की योजना न केवल उत्पादन बढ़ाने पर केंद्रित है, बल्कि किसानों को टिकाऊ और आधुनिक कृषि पद्धतियों से जोड़ने पर भी जोर दे रही है।
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