लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को एक उन्नत राज्य में बदलने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने दो महत्वपूर्ण योजनाओं – यूपी-एग्रीस और एआई प्रज्ञा का शुभारंभ किया। इन योजनाओं का उद्देश्य प्रदेश में कृषि उत्पादकता बढ़ाना और युवाओं को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में प्रशिक्षित करना है।
यूपी-एग्रीस: किसानों के लिए नई संभावनाएँ
यूपी-एग्रीस (UP-AGRIS) योजना विशेष रूप से पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्रों के किसानों को आधुनिक तकनीक से लैस करने के लिए शुरू की गई है। इस योजना के तहत 4000 करोड़ रुपये की परियोजना क्रियान्वित की जाएगी, जिसमें विश्व बैंक द्वारा 2737 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान किया गया है। इस ऋण को 35 वर्षों में 1.23% ब्याज दर पर चुकाया जाएगा।
इस योजना से 10 लाख किसानों को सीधा लाभ मिलेगा, जिसमें 30% महिलाएँ शामिल होंगी। इसके अलावा, 10,000 महिला उत्पादक समूहों को जोड़ा जाएगा और 500 किसानों को उन्नत तकनीकों की जानकारी के लिए विदेश भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना को कृषि क्रांति की दिशा में एक बड़ा कदम बताया और कहा कि यह क्षेत्रीय विषमताओं को दूर करने में मदद करेगी।
एआई (AI) प्रज्ञा: युवाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की पहल
उत्तर प्रदेश को कृत्रिम बुद्धिमत्ता के केंद्र के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से एआई प्रज्ञा कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस योजना के तहत 10 लाख युवाओं को मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स, साइबर सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा। इस पहल में माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, अमेजन, गूगल जैसी वैश्विक कंपनियाँ सहयोग कर रही हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह योजना उत्तर प्रदेश को तकनीकी हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी और युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगी। विश्व बैंक अध्यक्ष अजय बंगा ने इस पहल को गेम-चेंजर बताया और कहा कि यह स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देगा।
विश्व बैंक का सहयोग और भविष्य की योजनाएँ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व बैंक (World Bank) के निरंतर सहयोग की सराहना की और कहा कि यह संगठन पर्यावरण, पर्यटन और अवसंरचना के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अजय बंगा ने उत्तर प्रदेश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह राज्य अब भारत का ग्रोथ इंजन बन चुका है। इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश कृषि और तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा। सरकार का लक्ष्य है कि इन पहलों के माध्यम से प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में आगे बढ़ाया जाए।