नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो): घरेलू मसाला बाजार में हल्दी (Turmeric) के दामों में इस हफ्ते तेजी का रुख देखने को मिला है। मंडी सूत्रों के अनुसार, फसल नुकसान, कम आवक (low arrivals) और निर्यात मांग बढ़ने से हाजिर बाजार में हल्दी की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। साथ ही, एनसीडीईएक्स (NCDEX) पर हल्दी वायदा अनुबंधों में भी मजबूती दर्ज की गई है।

हाजिर बाजार का हाल
नांदेड़, इरोड और निजामाबाद की प्रमुख मंडियों में हल्दी की औसत कीमतें ₹14,000–₹14,800 प्रति क्विंटल तक पहुंच गईं, जबकि पिछले सप्ताह ये ₹13,200–₹13,600 प्रति क्विंटल के स्तर पर थीं। व्यापारियों का कहना है कि पिछले महीने की भारी वर्षा से महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में फसल को नुकसान हुआ, जिससे सप्लाई में कमी आई है।

वायदा बाजार में उछाल
एनसीडीईएक्स पर नवंबर डिलीवरी का हल्दी अनुबंध 2.3% बढ़कर ₹15,420 प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पिछले दो सत्रों में वायदा बाजार में कुल 3.8% की तेजी देखी गई है। ट्रेडर्स का कहना है कि स्टॉकिस्ट्स और प्रोसेसरों की फ्रेश बाइंग ने बाजार को सपोर्ट किया है।

आवक घटने से बनी तेजी
हल्दी की दैनिक आवक इरोड मंडी में औसतन 4,000–4,500 बैग रह गई है, जबकि सामान्य दिनों में यह 6,000 बैग तक होती थी। कम आवक और बढ़ती मांग ने बाजार में तेजी को बल दिया है।

निर्यात मांग में सुधार
भारत से मध्य पूर्व, यूरोप और दक्षिण-पूर्व एशिया में हल्दी के निर्यात ऑर्डर बढ़े हैं। हाल में भारतीय हल्दी की गुणवत्ता और प्राकृतिक रंग को लेकर अंतरराष्ट्रीय खरीदारों की रुचि बढ़ी है।

मार्किट एक्सपर्ट्स के अनुसार, यदि उत्पादन नुकसान की भरपाई नहीं हुई और घरेलू मांग मजबूत बनी रही, तो हल्दी की कीमतें नवंबर के अंत तक ₹16,000 प्रति क्विंटल तक जा सकती हैं। हालांकि, दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में नई आवक शुरू होने पर अस्थायी स्थिरता देखी जा सकती है।

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