टॉप 20 तांबा कंपनियों के Q3 2025 उत्पादन में गिरावट, हादसों और मेंटेनेंस की वजह सप्लाई प्रभावित

मुंबई, 10 नवंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): दुनिया की प्रमुख तांबा (कॉपर) उत्पादक कंपनियों ने Q3 2025 में उत्पादन में उल्लेखनीय गिरावट देखी है। ख़बरों के मुताबिक, हादसों, मेंटेनेंस शटडाउन और वेस्टेड खदान प्रोडक्शन ने सप्लाई को प्रभावित किया है। उदाहरण के लिए, Freeport‑McMoRan ने Q3 में अपने तांबा उत्पादन में 13.2% की कमी दर्ज की है। इसी तरह, Codelco ने अपने उत्पादन लक्ष्य नीचे लिया है, क्योंकि उसके खदान में हादसा हुआ था।

विश्लेषण बताते हैं कि शीर्ष 20 खदानों-कंपनियों का उत्पादन ग्लोबल तांबा सप्लाई का एक बहुत बड़ा हिस्सा है, और इनकी गिरावट सिर्फ कंपनियों तक सीमित नहीं बल्कि पूरे तांबा बाजार को प्रभावित कर रही है।

दुनिया की शीर्ष तांबा उत्पादक कंपनियों के Q3 2025 में उत्पादन घटने के पीछे कई प्रमुख कारण सामने आए हैं। इंडोनेशिया की Grasberg खदान में 8 सितंबर को हुए मड-रश हादसे ने उत्पादन को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया और वैश्विक तांबा आपूर्ति श्रृंखला को झटका दिया।

इसी तरह, चिली की सरकारी कंपनी कोडेल्को (Codelco) की El Teniente खदान में जुलाई 2025 में हुए हादसे से उत्पादन में लगभग 33 हज़ार मीट्रिक टन की कमी आई।

इन दुर्घटनाओं के साथ-साथ नियमित मेंटेनेंस शटडाउन और खदानों में घटते ओर ग्रेड (खनिज की उपज) ने भी तांबा उत्पादन को सीमित कर दिया है।Rio Tinto की प्रमुख तांबा खदान में तीसरी तिमाही के दौरान उत्पादन में लगभग 10.9% की गिरावट दर्ज की गई।

वर्ल्ड बैंक और एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि ऐसी अस्थिरताओं और सप्लाई चेन बाधाओं के चलते आने वाले महीनों में वैश्विक तांबा बाजार में घाटा (डिफ़िसिट) देखने को मिल सकता है, जिससे कीमतों पर ऊपर की ओर दबाव बढ़ने की संभावना है।

विश्लेषकों का कहना है कि तांबा की मांग अभी भी मजबूत बनी हुई है, विशेषकर इलेक्ट्रिक वाहनों, रिन्यूएबल ऊर्जा और निर्माण उद्योग के कारण। लेकिन यदि उत्पादन लगातार कम होता रहा तो कीमतों में तेजी आ सकती है और सप्लाई-चेन में तनाव बढ़ सकता है।

गोल्डमैन सैक्स ने अपनी पूर्वानुमान बदलते हुए बताया कि 2025 में तांबा की आपूर्ति अनुमानित से कम होगी और 2026 व उसके बाद भी चुनौतियाँ आने की संभावना है।

उत्पादन में गिरावट का असर न सिर्फ कंपनियों के लिए बल्कि सप्लाई-चेन, कीमतों और अंततः उपभोक्ताओं व उद्योगों के लिए भी महत्वपूर्ण है। ऐसे में, इन आगे के ट्रेंड्स पर करीबी नज़र रखना जरूरी होगा।

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