डिस्ट्रेस सेलिंग पर रोक: आंध्र सरकार ने प्याज किसानों के लिए किया ₹50,000 प्रति हेक्टेयर पैकेज का ऐलान

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मुंबई, 22 सितंबर (कृषि भूमि डेस्क):

आंध्र प्रदेश सरकार ने प्याज उत्पादक किसानों की मुश्किलों को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा राहत पैकेज पेश किया है। राज्य सरकार ने खेत में प्याज उगाने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर ₹50,000 की आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है, ताकि प्याज की कीमतों में हुई गिरावट और “डिस्ट्रेस सेलिंग” को रोका जा सके।

मुख्य बातें:

  • राहत राशि एवं लाभार्थी क्षेत्र
    मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस सहायता की घोषणा की है। इस राहत से लगभग 45,000 एकड़ क्षेत्र में प्याज की खेती करने वाले 24,218 किसानों को लाभ मिलेगा।
  • लाभ का मकसद
    इस कदम का उद्देश्य किसानों को मजबूरी में कम दाम पर प्याज बेचने से बचाना है। सरकार ने कहा है कि यह सहायता “unconditional” है — यानी किसानों को अपनी प्याज बेचने पर तुरंत जबरदस्ती नहीं, बल्कि जब बाजार में बेहतर दाम हों तब बेचने का अवसर मिलेगा।
  • मुख्यमंत्री और मंत्री की टिप्पणियाँ
    मुख्यमंत्री नायडू ने कहा है कि राज्य की समृद्धि किसानों की समृद्धि से जुड़ी है, इसलिए इस तरह के मामलों में सरकार किसानों के साथ खड़ी है।
    कृषि मंत्री किन्जारापु अतचानैडु ने कहा कि इस राहत पैकेज से किसानों को “तत्काल आर्थिक समर्थन” मिलेगा ताकि वे बाजार में भाव बढ़ने तक अपनी उपज रख सकें और बेहतर कीमत प्राप्त कर सकें।
  • सरकारी खर्च और वित्तीय बोझ
    इस पहल से राज्य को लगभग ₹100 करोड़ का अतिरिक्त बोझ होगा।
  • पिछले कुछ समय के किसान समर्थन उपाय
    सरकार ने पिछले 15 महीनों में अन्य फसलों के लिए भी समर्थन किया है, जैसे कि आम, तंबाकू, मिर्च, टमाटर, कोको एवं कॉफी।

किसानों की जुबानी :

राज्य के किसानों ने इस राहत पैकेज पर दी अपनी प्रतिक्रिया :

गुंटूर जिले के किसान रामकृष्ण रेड्डी का कहना है –
“यह राहत राशि हमारे लिए बड़ी मदद है। अभी बाजार में प्याज का भाव लागत से भी नीचे चला गया था। सरकार की मदद से हमें थोड़ी राहत मिलेगी और हम बिना नुकसान के अपनी फसल बेच पाएंगे।”

वहीं, कडप्पा जिले की किसान अम्मैया देवी ने कहा –
“₹50,000 प्रति हेक्टेयर की राशि जरूर सहारा देगी, लेकिन हमारी सबसे बड़ी समस्या भंडारण की है। अगर प्याज को रखने के लिए अच्छे वेयरहाउस उपलब्ध हों तो हम तब तक रुक सकते हैं जब तक कीमतें स्थिर न हो जाएं।”

नेल्लोर के किसान वेंकटेश्वरलु ने चिंता जताई –
“सरकार की मदद स्वागत योग्य है, लेकिन यह लंबे समय का समाधान नहीं है। हमें स्थायी व्यवस्था चाहिए, जिससे हर बार जब उत्पादन ज्यादा हो, तो सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सीधे खरीद करे।”

आंध्र प्रदेश सरकार का यह कदम किसानों को अल्पकालिक राहत जरूर देगा, लेकिन प्याज की खेती करने वाले किसान दीर्घकालिक समाधान की उम्मीद कर रहे हैं। बाजार में मूल्य स्थिरता, वेयरहाउसिंग और सरकारी खरीद नीति को मजबूत करना ही वह कदम होंगे जो किसानों को वास्तविक सुरक्षा प्रदान कर सकेंगे।

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