बीज विधेयक 2025: नकली और घटिया बीज पर कड़ा शिकंजा, 30 लाख रुपए जुर्माना और 3 साल की सजा का प्रस्ताव

नई दिल्ली, 14 नवंबर (कृषि भूमि डेस्क): केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने बीज विधेयक 2025 का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। यह नया विधेयक देश की बीज नीति को पूरी तरह बदलने जा रहा है। इसका उद्देश्य बाजार में उपलब्ध बीजों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना, नकली और निम्न-गुणवत्ता के बीजों पर कठोर नियंत्रण स्थापित करना, किसानों को बेहतर किस्मों के बीज उपलब्ध कराना, वैश्विक स्तर के बीजों को आयात के माध्यम से सुलभ बनाना और बीज उद्योग में पारदर्शिता व जवाबदेही को बढ़ाना है। यह विधेयक Seeds Act 1966 और Seeds Control Order 1983 की जगह लेगा, जो करीब 60 वर्षों से लागू थे।

नया ढांचा क्यों जरूरी था?
भारत का बीज बाजार तेजी से बढ़ रहा है और इसका मूल्य 45,000 करोड़ रुपये से अधिक आँका जाता है। कृषि वैज्ञानिकों और नीति विशेषज्ञों के अनुसार, मौजूदा कानून अब तकनीकी प्रगति के अनुरूप नहीं रह गए थे। नकली बीजों की बिक्री, असंगत गुणवत्ता, मिलावट, झूठे दावों वाले पैकेजिंग लेबल, आनुवांशिक रूप से संशोधित बीजों की अनियमित उपलब्धता और बीज विवादों के समाधान की धीमी प्रक्रिया जैसी समस्याएं किसानों को लगातार प्रभावित कर रही थीं। 2025 का यह नया ड्राफ्ट इन सभी समस्याओं का समाधान पेश करता है और बीज प्रबंधन के लिए एक आधुनिक और वैज्ञानिक व्यवस्था लाता है।

राष्ट्रीय बीज समिति का गठन
ड्राफ्ट के अनुसार, बीज नियमन, नीतिगत निर्णयों और गुणवत्ता मानकों की समीक्षा के लिए एक राष्ट्रीय बीज समिति बनाई जाएगी। यह समिति देश में वैरायटी रजिस्ट्रेशन, गुणवत्ता निर्धारण, बाजार निगरानी और वैज्ञानिक परीक्षणों से जुड़े सभी प्रमुख फैसलों का केंद्र बनेगी। GM बीजों के मामले में यह समिति पर्यावरणीय सुरक्षा और जैव-सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करेगी।

बीज गुणवत्ता और लेबलिंग व्यवस्था
विधेयक अनिवार्य करता है कि देश में बेचे जाने वाले प्रत्येक बीज का रजिस्ट्रेशन होगा और कोई भी वितरक या विक्रेता बिना लाइसेंस के बीज व्यापार नहीं कर सकेगा। बीज कंपनियों को गुणवत्ता परीक्षण, शुद्धता स्तर, अंकुरण क्षमता, स्रोत और वैरायटी के वैज्ञानिक विवरण को पैकेजिंग पर स्पष्ट रूप से अंकित करना होगा। यदि किसी पैक पर दी गई जानकारी गलत या भ्रामक पाई जाती है, तो इसे सीधे दंडनीय अपराध माना जाएगा। बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं को सशक्त बनाया जाएगा और नए परीक्षण केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे।

ड्राफ्ट यह भी सुनिश्चित करता है कि आयातित बीजों पर सख्त गुणवत्ता जांच अनिवार्य होगी, ताकि देश में खराब गुणवत्ता वाले विदेशी बीजों की बिक्री पर पूर्ण रोक लग सके।

किसानों के अधिकारों को संरक्षण
बीज विधेयक किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदान करता है। किसान अपनी उगाई हुई फसल से बीज रख सकेंगे, संरक्षित कर सकेंगे और पुन: उपयोग भी कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें किसी भी प्रकार का रजिस्ट्रेशन नहीं करना होगा। यदि कोई कंपनी ऐसा बीज बेचती है जो वैरायटी के वादे के अनुरूप प्रदर्शन नहीं करता, तो किसान को कंपनी से मुआवजा पाने का कानूनी अधिकार होगा। बीज विवादों के लिए त्वरित समाधान की व्यवस्था भी बनाई जाएगी, जिससे किसान लंबी कानूनी प्रक्रिया में न उलझें।

बीज आयात पर उदारता, लेकिन गुणवत्ता पर सख्ती
Seeds Bill 2025 आयात नीति को उदार बनाता है, ताकि अच्छी अंतरराष्ट्रीय वैरायटी भारत के किसानों तक पहुँच सके। इसके साथ गुणवत्ता पर कड़ी निगरानी का ढांचा भी प्रस्तावित है। खराब गुणवत्ता वाले बीजों के आयात पर रोक, परीक्षण मानक, सुरक्षा नियम और निरीक्षण प्रक्रिया को मजबूत किया गया है।

दंड प्रावधान: 30 लाख रुपये का जुर्माना और 3 साल की कैद
विधेयक का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा इसका दंड ढांचा है, जिसमें अपराधों को तीन श्रेणियों में बाँटा गया है – माइनर, मध्यम और गंभीर। पहली बार हुई मामूली गलती पर चेतावनी जारी की जाएगी, जबकि दोबारा गलती होने पर जुर्माना लगाया जाएगा। मध्यम श्रेणी में पहली बार अपराध पर एक लाख रुपये और दोबारा अपराध पर दो लाख रुपये का दंड लगाया जाएगा।

गंभीर उल्लंघनों में दंड बेहद सख्त है। पहली बार अपराध पर 10 लाख रुपये का जुर्माना, दुबारा अपराध होने पर 20 लाख रुपये और तीसरी बार अपराध होने पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। ऐसे मामलों में तीन वर्ष तक की कैद भी दी जा सकती है और कंपनी का लाइसेंस रद्द भी किया जा सकता है।

किसी कंपनी के दोषी पाए जाने पर उसमें जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारियों को भी उत्तरदायी माना जाएगा, लेकिन यदि वे साबित कर दें कि उन्होंने उचित सावधानी बरती थी या उल्लंघन की जानकारी नहीं थी, तो वे दंड से बच सकते हैं।

प्रवर्तन और निगरानी व्यवस्था
बीज निरीक्षकों को संदिग्ध बीजों के नमूने लेने, उन्हें जब्त करने, परीक्षण के लिए भेजने और अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत करने की शक्ति दी जाएगी। किसी भी अपराध पर न्यायालय तभी कार्रवाई कर सकेगा जब शिकायत नामित निरीक्षक द्वारा दर्ज की जाए। यह व्यवस्था गलत मामलों को रोकने और साक्ष्यों पर आधारित प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है।

नई वैरायटी के लिए IPR सुरक्षा
ड्राफ्ट नई बीज वैरायटी के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) सुरक्षा सुनिश्चित करता है। इससे वैज्ञानिक संस्थानों, स्टार्टअप्स, कृषि कंपनियों और निजी शोधकर्ताओं को नए बीज विकसित करने और नवाचार के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

बीज उद्योग में पारदर्शिता अनिवार्य
बीज कंपनियों पर रिकॉर्ड मेंटेनेंस, नियमित ऑडिटिंग और ट्रेसबिलिटी सिस्टम लागू करना अनिवार्य होगा। पारदर्शी लेखा और गुणवत्ता निगरानी से बीज उद्योग अधिक विश्वसनीय और किसान-हितैषी बनेगा।

कृषि क्षेत्र के लिए बड़ा सुधार
Seeds Bill 2025 भारत के बीज क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा और व्यापक सुधार साबित हो सकता है। यह बीज गुणवत्ता को सुनिश्चित करने, किसानों की सुरक्षा बढ़ाने, वैज्ञानिक मानकों को मजबूत करने और पूरे उद्योग में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस विधेयक में भारत की कृषि उत्पादकता, खाद्य सुरक्षा और बीज उद्योग की विश्वसनीयता को नई ऊंचाई पर पहुँचाने की क्षमता है।

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