मुंबई, 11 नवंबर (कृषि भूमि डेस्क): Gold Investment News: निवेशकों के लिए बड़ी खबर। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) में निवेश करने वालों को जोखिम और धोखाधड़ी के प्रति चेतावनी दी है। SEBI का कहना है कि डिजिटल गोल्ड उनके रेगुलेटरी दायरे में नहीं आता, यानी अगर इसमें कोई धोखाधड़ी होती है या कंपनी डिफॉल्ट करती है, तो निवेशकों को किसी भी प्रकार की रेगुलेटरी सुरक्षा (Investor Protection) नहीं मिलेगी।
SEBI की चेतावनी क्या कहती है?
सेबी ने कहा है कि कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और मोबाइल ऐप डिजिटल गोल्ड को बढ़ावा दे रहे हैं और इसे फिजिकल गोल्ड के विकल्प के रूप में पेश कर रहे हैं। लेकिन डिजिटल गोल्ड न तो नोटिफाइड सिक्योरिटी है और न ही यह कमोडिटी डेरिवेटिव्स के तहत रेगुलेटेड है।
इसलिए अगर कोई निवेशक इनमें पैसा लगाता है और बाद में कोई धोखाधड़ी या तकनीकी डिफॉल्ट होता है, तो वह सिक्योरिटी मार्केट के इन्वेस्टर प्रोटेक्शन सिस्टम का लाभ नहीं ले पाएगा।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डिजिटल गोल्ड देखने में आसान और आकर्षक लगता है, लेकिन यह SEBI या RBI के रेगुलेटरी सिस्टम के अंतर्गत नहीं आता। ऐसे में इसमें निवेश करना जोखिम भरा है। उनके मुताबिक, कई फिनटेक प्लेटफॉर्म निवेशकों से डिजिटल गोल्ड के नाम पर पैसा जुटा रहे हैं, पर इन प्लेटफॉर्म्स की कोई केंद्रीय निगरानी नहीं है।
डिजिटल गोल्ड क्या है?
डिजिटल गोल्ड एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें निवेशक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से थोड़ी मात्रा में सोना खरीद सकते हैं। यह सोना प्लेटफॉर्म के वॉल्ट में सुरक्षित बताया जाता है, लेकिन निवेशक के पास उसका कोई भौतिक स्वामित्व (Physical Ownership Proof) नहीं होता। यही कारण है कि SEBI ने इसे “Non-regulated asset class” बताया है।
SEBI की सलाह — सुरक्षित विकल्प क्या हैं?
SEBI ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे गोल्ड ETF (Exchange Traded Fund) या EGR (Electronic Gold Receipt) में निवेश करें। ये दोनों SEBI द्वारा रेगुलेटेड इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस हैं, जहां निवेशक का पैसा सेफ्टी नेट के अंदर रहता है।
✅ Gold ETF क्या है?
- यह स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होने वाला फंड है जो सोने की कीमत से जुड़ा होता है।
- इसे आप शेयर की तरह खरीद-बेच सकते हैं।
- यह पूरी तरह SEBI द्वारा रेगुलेटेड है।
✅ EGR (Electronic Gold Receipt) क्या है?
- यह एक नया रेगुलेटेड प्लेटफॉर्म है जहां आप इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में सोने की रसीद प्राप्त करते हैं।
- बाद में जरूरत पड़ने पर इसे फिजिकल गोल्ड में कन्वर्ट किया जा सकता है।
- इसमें निवेश डिमैट अकाउंट के ज़रिए होता है, जिससे ट्रांसपेरेंसी बढ़ती है।
निवेशकों के लिए चेतावनी के मायने
यदि आपने किसी ऐप या वेबसाइट से डिजिटल गोल्ड खरीदा है, तो ध्यान रखें:
- वह प्लेटफॉर्म SEBI या RBI से अप्रूव्ड नहीं है।
- आपके निवेश पर कोई गारंटी या रेगुलेटरी सुरक्षा नहीं है।
- प्लेटफॉर्म बंद होने या धोखाधड़ी की स्थिति में आपका पैसा डूब सकता है।
निवेश से पहले ध्यान देने योग्य बातें:
- निवेश से पहले हमेशा प्लेटफॉर्म का रेगुलेशन स्टेटस जांचें।
- गोल्ड ETF या SGB (Sovereign Gold Bond) जैसे सरकारी/रेगुलेटेड साधनों को प्राथमिकता दें।
- उच्च रिटर्न के लालच में डिजिटल गोल्ड जैसे असुरक्षित विकल्पों से बचें।
📌 FAQ:
Q1. SEBI ने डिजिटल गोल्ड पर क्या कहा है?
👉 SEBI ने कहा है कि डिजिटल गोल्ड उसके रेगुलेटरी दायरे में नहीं आता और इसमें निवेश जोखिम भरा है।
Q2. डिजिटल गोल्ड में निवेश सुरक्षित है क्या?
👉 नहीं, यह SEBI या RBI से रेगुलेटेड नहीं है। धोखाधड़ी की स्थिति में निवेशक को सुरक्षा नहीं मिलेगी।
Q3. सुरक्षित विकल्प क्या हैं?
👉 SEBI के मुताबिक Gold ETF और EGR दोनों रेगुलेटेड और सुरक्षित निवेश साधन हैं।
Q4. डिजिटल गोल्ड और ETF में अंतर क्या है?
👉 ETF स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होता है और रेगुलेटेड है, जबकि डिजिटल गोल्ड निजी प्लेटफॉर्म पर बिना सुरक्षा के बेचा जाता है।
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