Rabi Sowing 2025-26: गेहूं, चना और सरसों की मजबूत बुआई; मूंगफली के रकबे में बड़ी गिरावट

नई दिल्ली, 09 दिसंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): चालू रबी सीजन 2025-26 में फसलों की बुआई उम्मीदों से काफी बेहतर रही है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा 8 दिसंबर को जारी किये गए आंकड़ों के अनुसार, 5 दिसंबर तक रबी फसलों की कुल बुआई 479.02 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 451.12 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 27.89 लाख हेक्टेयर अधिक है। यह रबी के सामान्य रकबे (637.81 लाख हेक्टेयर) का लगभग 75% हिस्सा है, जो मौसम की अनुकूलता और अच्छी नमी का संकेत देता है।

गेहूं का रकबा तेज रफ्तार से बढ़ा

रबी की सबसे महत्वपूर्ण फसल गेहूं का रकबा इस वर्ष उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है। 5 दिसंबर तक देशभर में 241.40 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई पूरी हो चुकी है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 217.81 लाख हेक्टेयर था। यानी इस सीजन में लगभग 23.59 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में गेहूं बोया गया है। यदि यह रफ्तार जारी रहती है तो गेहूं अपने सामान्य रकबे 312.35 लाख हेक्टेयर के करीब या उससे आगे निकल सकता है।

दलहन में बढ़त; चना आगे, मसूर पीछे

दलहन फसलों की बुआई भी इस सीजन में अच्छी चल रही है। 5 दिसंबर तक कुल दलहन क्षेत्र 106.21 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुका है, जो पिछले साल के मुकाबले थोड़ा अधिक है। चना की बुआई इस बार मजबूत रही और उसका रकबा 77.84 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया, जबकि पिछले वर्ष इसी समय 75.16 लाख हेक्टेयर में चना बोया गया था। दूसरी ओर मसूर का रकबा कुछ कम रहा—यह 12.98 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष यह 14 लाख हेक्टेयर था। अन्य दलहन फसलों का प्रदर्शन भी सामान्य से थोड़ा नीचे रहा है।

तिलहन में सरसों की चमक

तिलहन की बुआई भी इस साल मजबूत रही है। कुल तिलहन रकबा 84.14 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष से अधिक है। सरसों ने इस बार सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए और इसका रकबा 79.88 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया, जबकि रबी का सामान्य रकबा 79.17 लाख हेक्टेयर है। पिछले साल इसी अवधि में सरसों की बुआई 76.43 लाख हेक्टेयर थी। सूरजमुखी और कुसुम का रकबा भी हल्की बढ़ोतरी के साथ बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।

मूंगफली के रकबे में भारी गिरावट

तिलहन समूह की दूसरी प्रमुख फसल मूंगफली इस बार कमजोर साबित हुई है। 5 दिसंबर तक सिर्फ 1.80 लाख हेक्टेयर में मूंगफली बोई गई, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 2.30 लाख हेक्टेयर था। सामान्य रकबा 3.69 लाख हेक्टेयर होने के बावजूद इस वर्ष बुआई में साफ गिरावट दिख रही है। तिल और अलसी में भी रकबा घटने का रुझान देखने को मिला है।

मोटे अनाजों में तेजी

मोटे अनाजों की बुआई इस सीजन में बेहतर रही है और कुल रकबा 36.286 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। इन फसलों में ज्वार का रकबा 18.088 लाख हेक्टेयर, मक्का 11.41 लाख हेक्टेयर और जौ 5.95 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। रागी 64 हजार हेक्टेयर और बाजरा 8 हजार हेक्टेयर में बोया गया, जो पिछले साल की तुलना में सुधार दर्शाता है।

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