संगरूर, 5 दिसंबर, 2025 ( कृषि भूमि डेस्क): पंजाब के संगरूर जिले के भरूर गांव में शुक्रवार को उस समय तनाव की स्थिति बन गई, जब पुलिस ने किसानों के प्रस्तावित ‘रेल रोको आंदोलन’ को शुरू होने से पहले ही बड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 150 प्रदर्शनकारी किसानों को हिरासत में ले लिया। किसान संगठनों ने घोषणा की थी कि वे दोपहर 1 बजे से 3 बजे के बीच सुनाम रेलवे स्टेशन के पास दो घंटे का धरना-प्रदर्शन करके रेल सेवाओं को बाधित करेंगे। हालांकि, प्रशासन ने इस आंदोलन को कानून-व्यवस्था के लिहाज़ से अनुचित मानते हुए रोकने के लिए कड़े कदम उठाए।
कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता
घटना के बाद, एस.पी. (डी) दविंदर अत्तरी ने मीडिया को जानकारी दी और स्पष्ट किया कि किसानों का रेल रोको आंदोलन कानून के तहत उचित नहीं था, क्योंकि इससे आम जनता को भारी असुविधा होती और रेलवे जैसी आवश्यक सेवाएँ सीधे प्रभावित होतीं। उन्होंने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही किसानों से अपील की थी कि वे इस तरह के विरोध प्रदर्शन से बचें और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रखें।
रेलवे ट्रैक पर पहुंचने की थी योजना
रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस को सूचना मिली थी कि किसान बड़ी संख्या में भरूर गांव पहुँच रहे हैं और रेलवे फाटक पर बैठकर प्रदर्शन शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। पुलिस दल तुरंत मौके पर पहुँचा और किसानों को समझाने की कोशिश की। पुलिस ने किसानों को यह भरोसा भी दिलाया कि उनकी मांगों को प्रशासन के उच्च अधिकारियों तक पहुँचाया जाएगा, लेकिन इसके बावजूद किसानों ने अपना प्रदर्शन जारी रखने की योजना पर अडिग रहने का फैसला किया।
टकराव टालने के लिए हिरासत में लिया गया
जब किसानों ने अपनी योजना नहीं बदली और वे रेलवे फाटक पर धरना देने की तैयारी करने लगे, तो पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी पड़ी। इस दौरान, करीब 150 किसानों को अलग-अलग स्थानों पर एहतियातन हिरासत में लिया गया। एस.पी. अत्तरी ने स्पष्ट किया कि पुलिस का प्राथमिक उद्देश्य किसी भी प्रकार का टकराव पैदा करना नहीं था, बल्कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना और रेलवे जैसी आवश्यक सेवाओं के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करना था।
उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस पूरी संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है और किसी भी नागरिक को कोई नुकसान न पहुँचे, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। घटना के बाद, भरूर और सुनाम के आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। एक ओर किसान संगठनों ने इस हिरासत कार्रवाई पर नाराज़गी व्यक्त की है, वहीं प्रशासन इसे सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए एक ज़रूरी कदम बता रहा है।
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