नई दिल्ली, 15 दिसंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): प्याज की गिरती कीमतों से जूझ रहे भारतीय किसानों के लिए राहत की खबर सामने आई है। बांग्लादेश सरकार ने प्याज आयात नीति में बड़ा बदलाव करते हुए रोजाना जारी होने वाले आयात परमिट की संख्या चार गुना बढ़ा दी है। इस फैसले से भारत से प्याज निर्यात को गति मिलने और घरेलू मंडियों में कीमतों को सहारा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह नीति जारी रहती है, तो इसका फायदा न सिर्फ मौजूदा सीजन में बल्कि आने वाले महीनों में भी प्याज किसानों को मिल सकता है।
आयात परमिट बढ़ाने का फैसला क्यों अहम
बांग्लादेश सरकार ने 13 दिसंबर से आयात परमिट की संख्या 50 से बढ़ाकर 200 प्रतिदिन कर दी है। इससे पहले 7 दिसंबर को वहां घरेलू बाजार में कीमतों को नियंत्रित करने के लिए आयात सीमित कर दिया गया था।
बांग्लादेश के पब्लिक इंफॉर्मेशन डिपार्टमेंट के मुताबिक, प्रत्येक आयात परमिट के तहत 30 टन तक प्याज मंगाया जा सकता है। यानी कुल मिलाकर रोजाना आयात क्षमता में बड़ा इजाफा हुआ है, जिसका सीधा फायदा भारतीय निर्यातकों और किसानों को मिलने की संभावना है।
भारत से बांग्लादेश पहुंचने लगा प्याज
भारतीय प्याज के लिए बांग्लादेश का बाजार दोबारा खुलने के बाद अब तक करीब 1,500 टन प्याज वहां पहुंच चुका है। इससे निर्यात गतिविधियों में तेजी आई है।
निर्यात बढ़ने से घरेलू बाजार में आपूर्ति का दबाव कुछ कम हो सकता है, जिससे प्रमुख मंडियों में कीमतों को धीरे-धीरे मजबूती मिलने की उम्मीद है।
प्याज निर्यात में बांग्लादेश की अहम भूमिका
बांग्लादेश भारत के लिए प्याज का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य माना जाता है। भारत के कुल प्याज निर्यात में 40% से अधिक हिस्सेदारी अकेले बांग्लादेश की है।
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने बांग्लादेश को करीब 4.80 लाख मीट्रिक टन प्याज का निर्यात किया था, जिससे लगभग 1,724 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा अर्जित हुई।
बांग्लादेश के कृषि मंत्रालय ने संकेत दिए हैं कि यह आयात व्यवस्था अगले आदेश तक जारी रहेगी, ताकि वहां बाजार में कीमतें संतुलित बनी रहें।
निर्यातकों और किसानों में बढ़ी उम्मीद
प्याज निर्यातकों का कहना है कि आयात परमिट बढ़ने से निर्यात को मजबूत सहारा मिलेगा। अगर बांग्लादेश में मांग बनी रहती है, तो आने वाले दिनों में निर्यात और तेज हो सकता है।
लासलगांव और पिंपलगांव जैसी प्रमुख मंडियों में फिलहाल आवक सीमित है। ऐसे में निर्यात बढ़ने से कीमतों में धीरे-धीरे सुधार की संभावना जताई जा रही है। किसानों का कहना है कि बीते कुछ हफ्तों से प्याज के दाम लागत भी नहीं निकाल पा रहे थे, लेकिन अब बाजार से सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं
किसानों के लिए क्या बदलेगा
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि बांग्लादेश की आयात नीति इसी तरह जारी रहती है, तो प्याज की मांग को स्थायी सहारा मिल सकता है। इससे घरेलू कीमतों में स्थिरता आएगी, किसानों को बेहतर भाव मिलने की संभावना बढ़ेगी और बाजार में अचानक गिरावट का खतरा कम होगा।
कुल मिलाकर, बांग्लादेश का यह फैसला भारतीय प्याज किसानों के लिए राहत की सांस साबित हो सकता है, खासकर ऐसे समय में जब वे लगातार गिरती कीमतों से परेशान हैं।
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