स्पिनिंग मिलों की सीमित खरीद से कॉटन बाजार में स्थिरता, उत्तर भारत की मंडियों में दैनिक आवक घटी

नई दिल्ली, 01 दिसंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): उत्तर भारत के कपास बाजारों में इस सप्ताह भी सुस्ती का माहौल बना हुआ है। स्पिनिंग मिलों की सीमित खरीद के कारण कपास की कीमतों में कोई बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को नहीं मिला। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि मिलों की मांग कमजोर रहने से कपास के भाव पिछले सप्ताह के स्तर पर ही स्थिर बने हुए हैं।

हरियाणा, पंजाब और राजस्थान की मंडियों में दैनिक आवक कम दर्ज की गई है। किसानों की ओर से नई फसल की आमद अभी धीमी है, जबकि मिलों की ओर से बड़ी खरीद का अभाव बाजार की गतिविधि को सीमित कर रहा है। इससे कारोबार हल्का चल रहा है और भाव स्थिर रेंज में ही बने हुए हैं।

कपास व्यापारियों के अनुसार, मिलों की खरीद इसलिए सीमित है क्योंकि धागे की कीमतों में तेजी देखने को नहीं मिल रही, निर्यात मांग कमजोर है, और टेक्सटाइल सेक्टर में बड़ी बुकिंग की कमी बनी हुई है।

इन वजहों से स्पिनिंग मिलें केवल जरूरत के अनुसार ही खरीद रही हैं, जिससे बाजार में अतिरिक्त मांग का दबाव नहीं बन पा रहा।

उधर, मौसम की स्थिति अब तक अनुकूल बनी हुई है और कपास की गुणवत्ता भी बेहतर बताई जा रही है। व्यापारियों का अनुमान है कि दिसंबर के दूसरे सप्ताह से आवक बढ़ सकती है, जिससे बाजार में थोड़ी हलचल संभव है।

इस बीच, मिलों को उम्मीद है कि यदि धागे की कीमतों में सुधार आया और निर्यात ऑर्डर बढ़े, तो आने वाले हफ्तों में खरीद बेहतर हो सकती है। फिलहाल उत्तर भारत का कपास बाजार स्थिर और सीमित कारोबार के दायरे में है।

आज के कपास मंडी भाव
देश के कई मंडियों में कपास (क्विंटल) की औसत दर ≈ ₹6,652–₹6,854/क्विंटल दर्ज की गई है। 1 किलोग्राम की दर करीब ₹66–₹68.5/किलो है। बाज़ार में न्यूनतम भाव कुछ कम मंडियों में ₹5,500–₹6,000/क्विंटल के आसपास और उच्चतम रेंज ₹7,700–₹8,100/क्विंटल तक देखने को मिली है (मंडी व क्वालिटी अनुसार भिन्न)। महाराष्ट्र की मंडियों में कपास का औसत भाव ≈ ₹7,288/क्विंटल रहा, न्यूनतम ₹6,600 और उच्चतम ₹8,060/क्विंटल तक।

यार्न व टेक्सटाइल मार्केट की स्थिति अभी फीकी
वित्तीय सूत्रों और ट्रेड रिपोर्ट्स से मिली ताज़ा सूचना के मुताबिक यार्न/स्पिनिंग मिलों की बड़े पैमाने की खरीद-तोल का रुझान नहीं दिख रहा है। इसके कारण कपास की मांग में मंदी है। यही वजह है कि कपास की आवक कम है, जिससे मंडियों में कारोबार सुस्त है। विशेषज्ञ बताते हैं कि मिलों ने केवल ज़रूरत के हिसाब से ही बायिंग कर रही हैं। ग्लोबल बाजार में कपास की कीमतों व मांग में नरमी देखी जा रही है, जिसकी मार इंडियन बाजार पर पड़ रही है। इस माहौल में फिलहाल किसी बड़े उछाल की उम्मीद नहीं है।

कुल मिलाकर आज मंडियों में उपलब्ध कपास की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं, लेकिन फिर भी अधिकांश भाव (क्विंटल रेट) किसानों को सरकार द्वारा तय MSP (यदि लागू हो) से कम मिल रहे हैं। धागा बाजार में तेज़ी की उम्मीद कम है क्योंकि स्पिनिंग मिलों की मांग अभी मंद है। इस वजह से कपास की रोज़ाना मंडी आवक अधिक नहीं हो रही।

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