मुंबई, 10 दिसंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): गोपीनाथ मुंडे किसान दुर्घटना सुरक्षा योजना अब पूरी तरह ऑनलाइन है। महाराष्ट्र सरकार ने इससे जुडी प्रक्रियाओं को तेज और पारदर्शी बनाया है ताकि किसानों को राहत मिल सके।
इस बाबत महाराष्ट्र के कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने घोषणा की है कि गोपीनाथ मुंडे किसान दुर्घटना सुरक्षा सानुग्रह योजना का लाभ अब किसानों और उनके वारिसों को सीधे MahaDBT पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा। यह कदम किसानों तक राहत तेज़ी से पहुंचाने और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया है।
उनके अनुसार, दुर्घटनाओं में किसानों की मौत या स्थायी विकलांगता की घटनाओं में यह योजना बेहद अहम साबित हुई है। पहले आवेदन प्रक्रिया धीमी थी, गलतियों की वजह से फाइल अटक जाती थी और मुआवजा देने में देरी होती थी। इसी वजह से पूरी प्रणाली को अब डिजिटल कर दिया गया है।
क्या है योजना का उद्देश्य?
राज्य में खेती से जुड़े जोखिम काफी अधिक हैं। खेतों में काम करते समय मशीनरी हादसे, फिसलकर गिरने, बिजली के झटके, पशुओं के हमले या अन्य दुर्घटनाओं में कई किसान हर साल अपनी जान गंवा देते हैं या स्थायी रूप से विकलांग हो जाते हैं।
इन्हीं स्थितियों में त्वरित आर्थिक सहयोग सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने 19 अप्रैल 2023 से यह योजना लागू की। दुर्घटना में किसान की मौत होने पर 2 लाख रुपये, एक आंख या एक अंग स्थायी रूप से खराब होने पर 1 लाख रुपये का प्रावधान है।
कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने क्या कहा?
पहले किसानों या उनके वारिसों को तालुका कृषि अधिकारी कार्यालय में आवेदन जमा करना पड़ता था। इस प्रक्रिया में कई डॉक्यूमेंट्स की जांच, गलतियों में सुधार, और ऑफिस स्तर पर देरी की वजह से मुआवजे में काफी समय लग जाता था।
कृषि मंत्री भरणे ने कहा कि अब पूरी प्रक्रिया MahaDBT पोर्टल पर ऑनलाइन होने से आवेदन सरल, तेज और सटीक हो गया है। इससे गलतियों को सुधारने और आवेदन की स्थिति जानने में सुविधा मिलेगी।
अब घर बैठे होगा आवेदन—SMS से मिलेगा हर अपडेट
नई डिजिटल प्रक्रिया के तहत किसान या उनके वारिस:
- घर बैठे ऑनलाइन फॉर्म भर सकेंगे,
- आवेदन की स्थिति (status) सीधे पोर्टल पर देख सकेंगे,
- डॉक्यूमेंट्स में गलती होने पर SMS अलर्ट प्राप्त करेंगे,
- बिना सरकारी दफ्तर गए ही जरूरी सुधार कर सकेंगे।
आवेदन सबमिट होते ही फॉर्म सीधे कृषि विभाग के सिस्टम में चला जाएगा, जिससे मैनुअल देरी खत्म होगी।
120 करोड़ रुपए का बजट, 4359 किसानों को अब तक मदद
प्रस्तावों की जांच तालुका कृषि अधिकारी कार्यालय करेगा, जबकि अंतिम मंजूरी तहसीलदार की अध्यक्षता वाली समिति देगी। मंजूरी के बाद सहायता राशि सीधे DBT के माध्यम से बैंक खाते में जमा होगी।
सरकार ने वर्ष 2025–26 के लिए इस योजना में 120 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। अब तक 4,359 किसानों के खातों में 88.19 करोड़ रुपये की सहायता राशि भेजी जा चुकी है।
कृषि मंत्री भरणे का कहना है कि डिजिटल प्रक्रिया योजना को अधिक पारदर्शी, तेज, और किसान-केंद्रित बनाएगी।
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