मुंबई, 7 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो): गुजरात और राजस्थान की प्रमुख मंडियों में जीरे की कीमतों में हाल के दिनों में आई गिरावट के बाद अब बाजार हल्की शॉर्ट-कवरिंग के कारण थोड़ा संभलता नजर आ रहा है। हाल ही में जीरा वायदा कीमतें 0.03% की मामूली बढ़त के साथ ₹18,945 प्रति क्विंटल पर बंद हुईं, जो बताता है कि व्यापारी अब निचले स्तर पर सीमित खरीदारी कर रहे हैं।
कमजोर मांग और अधिक आपूर्ति ने डाला दबाव
खुदरा सीजन की समाप्ति, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग में नरमी, और पर्याप्त कैरी फॉरवर्ड स्टॉक जैसे कारणों से जीरे की कीमतों पर काफी दबाव देखा गया। 2024-25 सीजन में भारत का कुल उत्पादन अनुमानित 90–92 लाख बोरी है, जो पिछले साल के 1.10 करोड़ बोरी से कम है।
- गुजरात का अनुमानित योगदान: 42–45 लाख बोरी
- राजस्थान: 48–50 लाख बोरी
ताज़ा मंडी दरें (7 अक्टूबर 2025)
मंडी | न्यूनतम भाव (₹/क्विंटल) | अधिकतम भाव (₹/क्विंटल) |
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उंझा | ₹17,000 | ₹18,505 |
पोरबंदर | ₹10,750 | ₹15,200 |
औसत राज्य भाव | ₹16,140 – ₹16,432 |
उंझा हाजिर बाजार में जीरे के भाव 0.77% गिरकर ₹18,909.65 पर बंद हुए। कारोबार सीमित रहा, लेकिन गिरावट स्थिर होती दिखी।
निर्यात में तेज गिरावट, विदेशी मांग सुस्त
अप्रैल-जुलाई 2025 के दौरान जीरे का निर्यात 19.81% घटकर 73,026 टन रहा, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 91,070 टन था। जुलाई 2025 का निर्यात साल-दर-साल 20.83% कम दर्ज हुआ, जिससे बाजार की धारणा और कमजोर हुई।
विदेशी खरीदारों की मांग में सुस्ती बनी हुई है, जबकि सीरिया, तुर्की और अफगानिस्तान जैसे प्रमुख उत्पादक देशों में भू-राजनीतिक तनाव के चलते उनकी आपूर्ति क्षमता सीमित हो गई है। यह भारत के लिए अवसर जरूर बन सकता है, लेकिन मांग की अनुपस्थिति एक बाधा है।
नीतिगत राहत का असर
जीएसटी परिषद ने जीरे पर कर दर को घटाकर 5% कर दिया है। इससे घरेलू उपभोग और FMCG उत्पादों के लिए निर्यात को सहारा मिलने की संभावना है। व्यापारी इसे मध्यम अवधि में कीमतों को स्थिरता देने वाला कदम मान रहे हैं।
- ओपन इंटरेस्ट: 3.39% घटकर 3,081 रह गया है, जो दर्शाता है कि बाजार शॉर्ट-कवरिंग की स्थिति में है।
- समर्थन स्तर: ₹18,680 — इसके नीचे कीमतें ₹18,400 तक जा सकती हैं।
- प्रतिरोध स्तर: ₹19,120 — ऊपर जाने पर ₹19,280 तक की संभावनाएं बन सकती हैं।
- हालिया रिकवरी: करीब 5% की बढ़त एक सख्त सपोर्ट के संकेत देती है, लेकिन मजबूती के लिए मांग का पुनरुत्थान ज़रूरी है।
कुलमिलाकर, जीरा बाजार अभी संतुलन की तलाश में है। घरेलू और वैश्विक मांग दोनों कमजोर हैं, लेकिन उत्पादन में गिरावट और जीएसटी राहत से मध्यम अवधि में कीमतों को सहारा मिल सकता है। शॉर्ट टर्म में व्यापारी ₹18,400–19,280 के बीच के दायरे में ही व्यापार करने की रणनीति अपना सकते हैं।
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