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मुंबई, 26 सितंबर (कृषि भूमि डेस्क):

कर्नाटक के हेवेरी जिले में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने किसानों को चिंता में डाल दिया है। बाढ़ और बारिश के कारण जिले के हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है, जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है। विशेष रूप से धान, मक्के और अन्य बागवानी फसलों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा है।

हेवेरी जिले में स्थिति गंभीर

हेवेरी जिले के विभिन्न हिस्सों में लगातार बारिश ने न केवल खेतों को जलमग्न किया, बल्कि कई सड़कें भी टूट गईं और ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात व्यवस्था में भी बाधा आई। जिला प्रशासन ने स्थिति का जायजा लिया और प्रभावित किसानों को तत्काल राहत देने के लिए सहायता प्रदान करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।

वर्षा के कारण धान, मक्का और अन्य फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। अनुमान है कि लगभग 23,000 हेक्टेयर कृषि भूमि पर असर पड़ा है। कई किसान अपनी फसल का नुकसान देखकर निराश हैं। बाढ़ के कारण फसलों के साथ-साथ बागवानी उत्पादों और अन्य कृषि उत्पादों को भी भारी नुकसान हुआ है।

सरकार ने किया राहत कार्य शुरू

कर्नाटक सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में तत्काल राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। किसानों को मुआवजा देने के साथ-साथ फसल बीमा योजना के तहत सहायता राशि भी जारी की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसानों की मदद के लिए हर संभव उपाय किए जाएं। राहत सामग्री, जैसे खाद्य पदार्थ और पानी, प्रभावित क्षेत्रों में भेजी जा रही है।

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, कर्नाटक में अत्यधिक वर्षा के कारण कृषि उत्पादन में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है। किसानों को सिचाई और बुआई के बारे में नए उपायों को अपनाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचा जा सके।

राज्य सरकार ने जलवायु परिवर्तन के कारण कृषि क्षेत्र में हो रहे असामान्य बदलावों से निपटने के लिए रणनीतियाँ तैयार करने का निर्णय लिया है। आने वाले दिनों में मौसम के मिजाज को समझने के लिए विशेषज्ञों से सलाह ली जाएगी और किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

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