भारतीय कृषि निर्यात में जबरदस्त उछाल: पहली छमाही में 8.8% की तेज वृद्धि, कुल व्यापारिक निर्यात को पछाड़ा

नई दिल्ली, 18 नवम्बर (कृषि भूमि ब्यूरो): चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर 2025) के दौरान भारत के कृषि निर्यात (Agricultural Exports) ने देश के कुल व्यापारिक निर्यात की तुलना में कहीं अधिक मजबूत प्रदर्शन दर्ज किया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में कृषि उत्पादों के निर्यात में 8.8% की प्रभावशाली वृद्धि हुई है, जबकि देश का कुल व्यापारिक निर्यात मात्र 2.9% ही बढ़ सका।

निर्यात मूल्य और तुलनात्मक वृद्धि

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच कृषि उत्पादों का कुल निर्यात मूल्य बढ़कर लगभग $25.9 बिलियन तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में $23.8 बिलियन था।इसके विपरीत, देश का समग्र वस्तु निर्यात (Merchandise Exports) इसी अवधि में $213.7 बिलियन से बढ़कर $219.9 बिलियन रहा, जो कि कृषि क्षेत्र की तुलना में काफी धीमी वृद्धि दर को दर्शाता है। यह लगातार दूसरा वित्तीय वर्ष है जब कृषि निर्यात ने कुल व्यापारिक निर्यात की वृद्धि दर को पीछे छोड़ा है, जो वैश्विक मंदी के बीच भारतीय किसानों और निर्यातकों की लचीलापन दिखाता है।

विकास के मुख्य संवाहक

कृषि निर्यात में यह जोरदार वृद्धि मुख्य रूप से कुछ प्रमुख उत्पादों के मजबूत शिपमेंट के कारण हुई है:

  • गैर-बासमती चावल (Non-Basmati Rice): निर्यात में सबसे बड़ा उछाल इसी श्रेणी में देखा गया, जहां लगभग 27.53% की वृद्धि दर्ज की गई। सरकारी गोदामों में पर्याप्त भंडार और निर्यात प्रतिबंधों में ढील देने के कारण इस उत्पाद ने मजबूत प्रदर्शन किया।
  • भैंस का मांस (Buffalo Meat): इसके निर्यात में 21.09% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई।
  • समुद्री उत्पाद (Marine Products): समुद्री उत्पादों के निर्यात में 17.40% की उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जो निर्यात बास्केट में सबसे बड़े घटकों में से एक है।
  • कॉफी और फल-सब्जियां: कॉफी के निर्यात में भी वैश्विक कीमतों में वृद्धि के कारण अच्छा उछाल आया है, जबकि ताजे फल और सब्जियों का निर्यात भी अपनी स्थिर वृद्धि को बनाए रखने में सफल रहा।

वैश्विक चुनौतियों के बावजूद मजबूत प्रदर्शन

विशेषज्ञों के अनुसार, कृषि निर्यात में यह उछाल महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वैश्विक कीमतों में नरमी और कुछ प्रमुख बाजारों (जैसे अमेरिका) में टैरिफ संबंधी चुनौतियों के बावजूद हासिल किया गया है। भारतीय निर्यातकों ने अमेरिका को निर्यात में आई मामूली गिरावट की भरपाई चीन, वियतनाम, जापान, थाईलैंड और यूरोपीय संघ जैसे नए बाजारों में शिपमेंट बढ़ाकर की है। यह रुझान भारतीय कृषि क्षेत्र के वैश्विक बाजारों में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। सितंबर 2025 के व्यापारिक निर्यात के आंकड़े जारी किए गए हैं, जिसमें भारत के समग्र व्यापार प्रदर्शन का विवरण है।

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