पूसा कृषि विश्वविद्यालय: दीक्षारंभ के दूसरे दिन आइएएस डॉ आकांक्षा आनंद का नवांगतुक छात्रों से संवाद, कुशल संचार के गुर सिखाये

समस्तीपुर, 24 नवंबर (कृषि भूमि डेस्क): डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में दीक्षारंभ के दूसरे दिन डॉ आकांक्षा आनंद आइएएस ने सभी नवांगतुक छात्रों के साथ संवाद किया और छात्रों में सक्रिय लर्निंग के विकास को लेकर अपनी प्रस्तुति दी। डॉ आकांक्षा बिहार वेटनरी कालेज की 2016-21 बैच की छात्रा रही है। उन्होंने 2022 में यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की और उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा के तहत बिहार कैडर का आवंटन किया गया।

डॉ आकांक्षा आनंद आइएएस ने सभी नवांगतुक छात्रों के साथ संवाद किया

छात्रों ने उनसे प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए तैयारी को लेकर सवाल पूछे और उनके अनुभवों के बारे में जाना। इसके अतिरिक्त दूसरे सत्र में स्कूल आफ़ एग्री-बिजनेस एंड रूरल मैनेजमेंट के निदेशक डॉ रामदत्त ने संचार कौशल पर अपना व्याख्यान दिया और छात्रों को कुशल संचार के गुर सिखाए।

दीक्षारंभ कार्यक्रम की प्रभारी डॉ रितंभरा ने कहा कि दीक्षारंभ कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 6.30 बजे योग क्लास से होती है। और तकनीकी सत्रों में देश के प्रख्यात लोगों को बुलाया जा रहा है ताकि छात्र उनसे सीधे संवाद कर प्रेरणा ले सके। दीक्षारंभ कार्यक्रम का समापन 21 दिनों बाद प्रदक्षिणा कार्यक्रम के साथ होगा।

कल हुई थी दीक्षारंभ कार्यक्रम की शुरुआत

 डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा में 24 नवम्बर को नवांगतुक छात्रों के लिए भव्य दीक्षारंभ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड (ASRB) के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार सिंह ने कहा कि पूसा विश्वविद्यालय देश का गौरव है और छात्रों को गर्व होना चाहिए कि वे उस संस्था का हिस्सा बने हैं जहाँ से देश में कृषि शिक्षा और अनुसंधान की शुरुआत हुई।

दीक्षारंभ मॉडल बना राष्ट्रीय उदाहरण
मुख्य अतिथि ने कहा कि कुलपति डॉ. पी. एस. पांडेय द्वारा शुरू किया गया “दीक्षारंभ कार्यक्रम” इतना प्रभावशाली और नवाचारी है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने इसे सभी कृषि विश्वविद्यालयों में लागू कर दिया। बाद में UGC ने भी इसे देशभर के विश्वविद्यालयों में अनिवार्य कर दिया।

कुलपति डॉ. पांडेय: छात्रों को केंद्र में रखकर लिए जा रहे निर्णय
कुलपति डॉ. पी. एस. पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय में सभी नीतियाँ और निर्णय छात्रों व किसानों को ध्यान में रखकर तैयार किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया:

  • विश्वविद्यालय के कई नियमों में छात्र हित में बदलाव किए गए हैं।
  • यहां के छात्र देश और विदेश में संस्था का नाम रोशन कर रहे हैं।
  • लगभग 100% प्लेसमेंट का ट्रैक रिकॉर्ड है।

उन्होंने छात्रों से कहा कि वे पढ़ाई पर फोकस करें, नौकरी की चिंता न करें। साथ ही उन्होंने छात्रों को जॉब क्रिएटर बनने की भी सलाह दी।

छात्रों में उत्साह: “असंभव भी संभव”
कार्यक्रम का स्वागत भाषण स्कूल ऑफ एग्री-बिजनेस एंड रूरल मैनेजमेंट के निदेशक डॉ. रामदत्त ने दिया। उन्होंने छात्रों में जोश भरते हुए कहा कि दुनिया का हर बड़ा काम कठिन लगता है, लेकिन जब शुरुआत कर दी जाती है तो असंभव भी संभव हो जाता है।

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