अहमदाबाद, 4 सितंबर (कृषि भूमि ब्यूरो):
गुजरात के प्रमुख धनिया बाजार में इस समय आवक में बढ़ोतरी के बावजूद कीमतों में स्थिरता देखी जा रही है। 2025 की खरीफ फसल की अच्छी पैदावार के बाद भी धनिया के दाम किसी बड़े बदलाव के बिना स्थिर बने हुए हैं। विभिन्न व्यापारियों और किसानों के अनुसार, इस वर्ष धनिया का उत्पादन सामान्य से बेहतर रहा है, लेकिन मंडी में आपूर्ति अधिक होने के बावजूद मांग की कमी के कारण कीमतों में कोई विशेष उछाल नहीं आया है।
आवक में बढ़ोतरी: क्या कारण है स्थिरता?
हाल ही में सूरत मंडी और राजकोट मंडी में धनिया की आवक में वृद्धि देखी गई है। गुजरात की प्रमुख मंडियों में धनिया की औसत आवक पिछले महीने में लगभग 3,000-4,000 क्विंटल प्रति दिन रही, जो पिछले साल से लगभग 12% अधिक है। हालांकि, इसके बावजूद धनिया की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। वर्तमान में 1 किलो धनिया की कीमत ₹60-65 के आसपास बनी हुई है, जो पिछले 2-3 महीनों से उतनी ही है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार फसल में 15-20% तक वृद्धि हुई है, लेकिन बाजार में कोई बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं आया है।
किसान और व्यापारियों की स्थिति
किसानों का कहना है कि इस बार उनकी धनिया की फसल अपेक्षाकृत अच्छी रही है, लेकिन मंडी में अधिक आवक होने के कारण कीमतों में कमी आई है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि वर्ष 2025 में मौसम की स्थिति अच्छी रही है, और खेतों में सिंचाई की उचित व्यवस्था के कारण उत्पादन में सुधार हुआ है। फिर भी, बाजार में मांग की स्थिरता के कारण दाम में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है।
बाजार में स्थिरता के कारण
1. आपूर्ति अधिक होने के कारण मांग में संतुलन नहीं बन पाया – पिछले कुछ समय में अन्य राज्यों जैसे राजस्थान और मध्य प्रदेश से भी धनिया की भारी आवक हो रही है, जिससे गुजरात में भी मूल्य स्थिर बने हुए हैं।
2. मांग में कमी – घरेलू उपभोक्ता और विपणन चैनल में कोई बड़ी वृद्धि नहीं हुई है, जिससे बाजार में उतनी तेजी नहीं देखी जा रही।
3. कोल्ड स्टोरेज और भंडारण की व्यवस्था बेहतर होने के कारण धनिया का भंडारण पहले से अधिक किया जा रहा है, जिससे आस्थिरता बनी रहती है।
क्या बदल सकता है स्थिति?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर मांग में कोई विशेष वृद्धि नहीं होती, तो कीमतों में स्थिरता बनी रह सकती है। साथ ही, त्योहारों के सीजन (जैसे दीपावली और अन्य उत्सव) में धनिया की मांग बढ़ने की संभावना है, जिससे कीमतों में कुछ उछाल आ सकता है। इसके अलावा, अगर आवक में कमी होती है तो भी कीमतें बढ़ सकती हैं।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बाजार में स्थिरता किसी हद तक लाभकारी हो सकती है, लेकिन यदि आवक बढ़ती रही और मांग नहीं बढ़ी, तो किसानों के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है। गुजरात के धनिया बाजार में इस समय आवक बढ़ने के बावजूद स्थिरता बनी हुई है। अधिक उत्पादन और मांग में कमी के कारण कीमतों में कोई उल्लेखनीय बदलाव नहीं आया है। हालांकि, आगामी महीनों में त्योहारों के सीजन और मौसम की स्थिति के आधार पर दामों में उछाल या गिरावट देखी जा सकती है। इस स्थिति को समझते हुए, किसानों और व्यापारियों को नियमित निगरानी और स्मार्ट कृषि प्रबंधन की आवश्यकता रहेगी।
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