नई दिल्ली, 03 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो): भारत सरकार ने वर्ष 2025–26 के लिए खाद्य अनाज उत्पादन में 2.4% की वृद्धि का अनुमान जताया है। कृषि मंत्रालय के अनुसार, इस बढ़त का मुख्य कारण खरीफ सीजन में बुआई क्षेत्र का विस्तार और अनुकूल मानसून की स्थिति है। यह अनुमान आगामी रबी अभियान 2025 के तहत घोषित किया गया, जिसे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रस्तुत किया।
खरीफ सीजन में धान, मक्का, बाजरा, और सोयाबीन जैसी फसलों की बुआई में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार, धान की बुआई में अकेले 19.47 लाख हेक्टेयर की बढ़त देखी गई, जो कुल उत्पादन बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा।
इस वर्ष देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून सामान्य रहा, जिससे सिंचाई की निर्भरता कम हुई और फसलों की वृद्धि को गति मिली। इससे न केवल खरीफ फसलों को लाभ मिला, बल्कि रबी सीजन की बुआई के लिए भी अनुकूल परिस्थितियाँ बनीं।
सरकार ने आगामी वर्ष 2025–26 के लिए खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य 362.5 मिलियन टन रखा है, जिसमें प्रमुख योगदान धान, गेहूं, मोटे अनाज, और दालों का रहेगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने बीज, उर्वरक, सिंचाई और प्रशिक्षण जैसे क्षेत्रों में राज्यों को सहयोग देने की योजना बनाई है।
“हमारा लक्ष्य न केवल उत्पादन बढ़ाना है, बल्कि किसान की आमदनी भी दोगुनी करना है।”
— शिवराज सिंह चौहान, कृषि मंत्री
सरकार अब स्मार्ट कृषि तकनीक, जैसे ड्रोन, मिट्टी परीक्षण किट, और AI आधारित कृषि सलाह को बढ़ावा दे रही है, जिससे उत्पादन लागत घटे और उपज बढ़े।
रबी फसलों के लिए केंद्र सरकार ने बीज की उपलब्धता, सिंचाई योजनाएँ, और MSP समर्थन सुनिश्चित करने की बात कही है। किसानों को रबी मौसम में गेहूं, चना, सरसों और मसूर जैसी फसलों पर ध्यान देने की सलाह दी गई है।
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