अमेरिका-चीन विवाद में “कुकिंग ऑयल” बना नया युद्धक्षेत्र, वैश्विक बाजार में हलचल

America China News

मुंबई, 17 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो): अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव का असर अब कुकिंग ऑयल (खाद्य तेल) बाजार पर दिखने लगा है। अमेरिकी राष्ट्रपति के हालिया बयानों के बाद वैश्विक स्तर पर तेल कंपनियों के शेयरों में तेज़ हलचल दर्ज की गई — खासकर Bunge Global और Archer Daniels Midland (ADM) के शेयरों में।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने हालिया बयान में संकेत दिए कि चीन से आने वाले कुछ तेलीय उत्पादों और कुकिंग ऑयल आयातों पर नए प्रतिबंध या शुल्क लगाए जा सकते हैं।

विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम चीन के खिलाफ आर्थिक दबाव बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है। वहीं, चीन की प्रतिक्रिया यह रही कि वह ऐसे किसी भी कदम का जवाब अपने सोया तेल और पाम ऑयल खरीद अनुबंधों में संशोधन करके दे सकता है।

कंपनियों और शेयर बाजार पर असर

  • Bunge Global के शेयरों में दिन के कारोबार के दौरान 2.1% की गिरावट दर्ज की गई।
  • Archer Daniels Midland (ADM) में भी अस्थिरता रही, लेकिन दिन के अंत में हल्की रिकवरी देखी गई।
  • निवेशकों को आशंका है कि यदि नए आयात शुल्क लागू हुए, तो वैश्विक सोया तेल व्यापार श्रृंखला बाधित हो सकती है।

“कुकिंग ऑयल केवल उपभोक्ता वस्तु नहीं रही, यह अब जियो-इकॉनॉमिक टूल बन चुकी है,”
लिंडा जेम्स, इंटरनेशनल कमोडिटी एनालिस्ट (Barron’s)

वैश्विक बाजार पर संभावित प्रभाव

अमेरिका और चीन के बीच “कुकिंग ऑयल विवाद” केवल व्यापार तक सीमित नहीं है — यह सप्लाई चेन नियंत्रण की लड़ाई है।
खाद्य तेल बाजार में दामों की चाल अब केवल मांग-आपूर्ति नहीं, बल्कि राजनीतिक संकेतों और नीतिगत बयानबाज़ी पर भी निर्भर करेगी।

1️⃣ सोया तेल (Soy Oil) की कीमतों में अल्पावधि में 3–5% उतार-चढ़ाव संभव।
2️⃣ पाम ऑयल (Palm Oil) की कीमतें भी मलेशिया और इंडोनेशिया के निर्यात के साथ जुड़ी होने के कारण प्रभावित हो सकती हैं।
3️⃣ भारत, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खाद्य तेल आयातक देश है, कीमतों में बढ़ोतरी का दबाव महसूस कर सकता है।

भारत के लिए संकेत

भारत हर साल लगभग 140 लाख टन खाद्य तेल आयात करता है। अगर सोया और पाम ऑयल के दाम बढ़ते हैं, तो घरेलू उपभोक्ताओं पर दबाव बढ़ सकता है। इसलिए सरकार के “तेल बीज आत्मनिर्भरता मिशन 2030” को अब और गति देने की आवश्यकता है।

  • भारत की खाद्य तेल खुदरा कीमतें अगले कुछ हफ्तों में अस्थिर रह सकती हैं।
  • सोया और पाम ऑयल आयातकों को अनुबंध प्रबंधन में लचीलापन रखना होगा।
  • सरकार के लिए यह अवसर है कि वह घरेलू तिलहन उत्पादन (सोयाबीन, सरसों, सूरजमुखी) को और प्रोत्साहित करे।

कुलमिलाकर, अमेरिका-चीन टकराव के इस नए चरण ने खाद्य तेल बाजार को रणनीतिक युद्धक्षेत्र में बदल दिया है। आने वाले महीनों में सोया ऑयल और पाम ऑयल के भाव अंतरराष्ट्रीय राजनीति के हर बयान के साथ ऊपर-नीचे होते रहेंगे।

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