मुंबई, 12 दिसंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): गुरुवार को तेज गिरावट के बाद शुक्रवार को क्रूड ऑयल में हल्की बढ़त देखने को मिली। वेनेज़ुएला के अधिक तेल टैंकरों को रोके जाने की संभावना से सप्लाई बाधित होने का डर बढ़ा, जिससे बाजार को सपोर्ट मिला। ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 29 सेंट यानी 0.5% बढ़कर $61.57 प्रति बैरल, और WTI 31 सेंट बढ़कर $57.91 प्रति बैरल पर पहुंचा। गुरुवार को दोनों बेंचमार्क लगभग 1.5% टूटे थे और दिनभर अक्टूबर के निचले स्तर से भी नीचे रहे।
US इन्वेंटरी डेटा का दबाव
अमेरिका में गैसोलीन और डीज़ल इन्वेंटरी में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिसने मांग कमजोर रहने के संकेत दिए। EIA के अनुसार, पिछले सप्ताह गैसोलीन और डिस्टिलेट स्टॉक्स में लगभग 2.5 मिलियन बैरल की वृद्धि हुई। लिपो ऑयल एसोसिएट्स के प्रेसिडेंट एंड्रयू लिपो ने कहा कि इन्वेंटरी में बढ़त और रिफाइनिंग मार्जिन में कमी ने बाजार पर अतिरिक्त दबाव डाला है।
रूस-यूक्रेन शांति वार्ता से सेंटिमेंट कमजोर
तेल बाजार में कमजोरी की एक बड़ी वजह रूस और यूक्रेन के बीच संभावित शांति समझौते की उम्मीद भी रही। यदि ऐसा समझौता होता है, तो वैश्विक बाजार में रूसी तेल की आपूर्ति बढ़ सकती है, जो वर्तमान में प्रतिबंधों के कारण सीमित है।
हालांकि, कैस्पियन सागर में यूक्रेनी ड्रोन द्वारा रूस के एक ऑयल रिग पर हमला भी हुआ, जिससे उत्पादन कुछ समय के लिए रुका और कीमतों को अस्थायी सपोर्ट मिला। शांति वार्ता की संभावना ने इस सपोर्ट को लंबे समय तक टिकने नहीं दिया।
वेनेज़ुएला टैंकर को लेकर बढ़ती चिंता
अमेरिका द्वारा वेनेज़ुएला के तट के पास एक तेल टैंकर ज़ब्त किए जाने के बाद सप्लाई में रुकावट की आशंका बढ़ी है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि ऐसी कार्रवाई बढ़ती है तो कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
एशियाई खरीदारों ने रूस और ईरान के प्रतिबंधित तेल की बढ़ती उपलब्धता और दक्षिण अमेरिकी जोखिमों को देखते हुए वेनेज़ुएला क्रूड पर अधिक डिस्काउंट की मांग करनी शुरू कर दी है।
ग्लोबल आउटलुक: डिमांड और सप्लाई की नई तस्वीर
इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, 2026 में वैश्विक तेल मांग का अनुमान बढ़ाया गया है, जबकि सप्लाई अनुमान नीचे आया है। इसका मतलब है कि अगले साल बाजार में सरप्लस पहले की तुलना में कम रह सकता है। इसके विपरीत, OPEC ने अपनी मासिक रिपोर्ट में 2025 और 2026 के डिमांड अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है और सप्लाई कंट्रोल पर जोर बनाए रखा है।
क्रूड मार्केट फिलहाल सप्लाई जोखिम और कमजोर डिमांड सिग्नल के बीच फंसा हुआ है। एक तरफ वेनेज़ुएला टैंकर विवाद, कैस्पियन ड्रोन अटैक और IEA की सप्लाई में कमी की चेतावनी सपोर्ट दे रहे हैं। दूसरी ओर अमेरिकी इन्वेंटरी के सरप्लस, रूस-यूक्रेन शांति वार्ता और चीनी डिमांड के कमजोर रहने से दबाव बना हुआ है।
एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि निकट भविष्य में ब्रेंट $60–65 और WTI $56–60 डॉलर रेंज में उतार-चढ़ाव दिखा सकता है।
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