Cumin Prices: जीरे की कीमतें 6 महीने की ऊंचाई पर, जानें क्यों आई तेजी और आगे क्या रहेगा असर

मुंबई, 18 नवंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): घरेलू मसाला बाजार में जीरे की कीमतों में एक बार फिर तेजी देखने को मिल रही है। लगातार दबाव में रहने के बाद अब जीरा 6 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच चुका है और भाव जून के बाद पहली बार 20,960 रुपये के पार निकले हैं। बाजार में दूसरी बार लगातार महीनेभर तेजी बनी हुई है। नवंबर में अब तक कीमतों में करीब 2% की बढ़त आई है, जबकि अक्टूबर में जीरे के दाम 7% से ज्यादा बढ़े थे।

जैसा कि मांग में सुधार दिख रहा है, बाजार में तेजी का रुझान मजबूत हुआ है। NCDEX पर भी जीरे की चाल सकारात्मक रही—पिछले एक हफ्ते में कीमतों में 2% और एक महीने में लगभग 3% की बढ़त दर्ज की गई। हालांकि जनवरी 2025 से अब तक जीरे ने कुल 16% की गिरावट देखी है और एक साल में 18% की कमजोरी आई है, लेकिन मौजूदा रिकवरी बाजार में नई उम्मीदें जगा रही है।

निवेशकों के लिए राहत
कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि छह-सात महीने पहले जीरे में निवेश करने वालों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। कीमतें ऊपरी स्तरों से काफी नीचे आ गई थीं, जिसके बाद अधिकांश बाजार जानकारों का अनुमान था कि यदि भाव फिर से 20,000 के ऊपर जाता है तो मुनाफावसूली होने लगेगी।

जीरे की बुआई से जुड़े सकारात्मक संकेत और मजबूत मांग ने इस तेजी को सपोर्ट दिया है। ट्रेडर्स ने बताया कि फिलहाल जीरे की रोजाना 10,000 से 12,000 बोरी की आवक हो रही है। हालांकि, केवल घरेलू मांग से कीमतें और ऊपर नहीं जा पाएंगी। यदि निर्यात से समर्थन मिलता है तो जीरे में मौजूदा स्तरों से अधिक तेजी संभव है, अन्यथा बिकवाली भी देखने को मिल सकती है।

कितना सपोर्ट मिलेगा?
राजस्थान, गुजरात और कच्छ के इलाकों से मिली रिपोर्टों के अनुसार जीरे की बुआई इस बार कुछ क्षेत्रों में उम्मीद से कम रही है, जबकि कच्छ में पैदावार बेहतर होने की संभावना है। चना और सरसों के ऊंचे दामों के कारण कई राज्यों में किसान जीरे की खेती से हटकर अन्य फसलों की ओर भी रुख कर रहे हैं। इन्हीं स्थितियों को देखते हुए बाजार विशेषज्ञों का अनुमान है कि जीरे में बड़े स्तर की गिरावट की संभावना फिलहाल कम है, लेकिन तेजी भी सीमित रह सकती है। मौजूदा स्तर पर बाजार का रुख मांग और निर्यात दोनों पर निर्भर करेगा।

आगे कीमतों पर क्या होगा असर?
साल के अंत तक जीरे की कीमतें मांग, आवक और एक्सपोर्ट पर टिकी रहेंगी। यदि दिसंबर-जनवरी में अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर बढ़ते हैं तो जीरे के भाव मौजूदा स्तर से ऊपर भी जा सकते हैं। इसके उलट आवक बढ़ने या मुनाफावसूली आने पर जीरे की कीमतों में हल्की नरमी दिख सकती है।

अभी के लिए जीरे का बाजार 20,000 रुपये के ऊपर स्थिर दिखाई दे रहा है, जिससे संकेत मिलता है कि बाजार में सकारात्मक धारणा बनी हुई है और निवेशकों के लिए यह एक राहत का समय है।

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