नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो): अमेरिका द्वारा 250 से अधिक खाद्य और कृषि उत्पादों पर टैरिफ में कटौती करने के फैसले से भारत के कृषि निर्यातकों को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है। यह कदम भारत को करीब 2.5–3 अरब डॉलर यानी लगभग ₹22,000 से ₹26,000 करोड़ रुपये तक का सीधा लाभ पहुंचा सकता है। कृषि निर्यात नीति से जुड़े अधिकारियों के अनुसार यह राहत भारतीय किसानों और निर्यातकों को तुरंत सकारात्मक असर देगी।

भारत के प्रमुख कृषि निर्यात को मिलेगा सीधा फायदा
अमेरिका ने कुल 250 से ज्यादा खाद्य उत्पादों पर शुल्क कम किया है, जिनमें 229 कृषि वस्तुएं शामिल हैं। भारत अमेरिका को पहले से ही बड़ी मात्रा में मसाले तथा चाय-कॉफी उत्पाद भेजता है। मसालों का निर्यात 35.8 करोड़ डॉलर और चाय-कॉफी उत्पादों का निर्यात करीब 8.2 करोड़ डॉलर से अधिक का होता है।

निर्यात संगठन FIEO के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि इस छूट से लगभग 3 अरब डॉलर तक के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। विशेषज्ञों के अनुसार इसका सबसे बड़ा लाभ उच्च-मूल्य वाले प्रीमियम उत्पादों को मिलेगा, जैसे- काली मिर्च, इलायची, जीरा, अदरक, हल्दी, फल एवं बागवानी उत्पाद।

टैरिफ बढ़ने से हुआ नुकसान, अब वापस मिल सकती है मांग
ट्रंप प्रशासन द्वारा पहले 50% शुल्क लागू किए जाने से भारतीय कृषि निर्यातों को भारी नुकसान हुआ था। कई विशेष कृषि उत्पादों की मांग सीधे प्रभावित हुई। अब शुल्क कम होने से उम्मीद है कि रुकी हुई डिमांड वापस आएगी, अमेरिकी बाजार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ेगी और किसानों व निर्यातकों की आमदनी में सुधार होगा।

भारत-अमेरिका संबंधों पर असर नहीं पड़ेगा
व्यापार समझौते में देरी के बावजूद अमेरिकी कंपनियां भारत के प्रति प्रतिबद्ध बनी हुई हैं। यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम के चेयरमैन जॉन चैंबर्स ने कहा कि यह देरी केवल एक “छोटी रुकावट” है और संबंध दीर्घकालिक दृष्टि से मजबूत बने रहेंगे।

टैरिफ क्यों हटाए गए?
ट्रंप प्रशासन ने यह फैसला अमेरिका में बढ़ती घरेलू महंगाई को नियंत्रित करने के लिए लिया है। पहले यह दावा किया जाता था कि टैरिफ से कीमतें नहीं बढ़तीं, लेकिन स्थानीय बाजार में महंगाई लगातार दबाव बना रही थी। उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए टैरिफ घटाए गए।

सभी क्षेत्रों में नहीं मिलेगा समान लाभ
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव के अनुसार, भारत को सबसे अधिक लाभ मसालों और उच्च-मूल्य वाले बागवानी उत्पादों में मिलेगा। लेकिन जिन उत्पादों पर टैरिफ कमी का सबसे बड़ा असर है, जैसे टमाटर, खट्टे फल, खरबूजे, केले, फलों का रस—इनमें भारत की अमेरिकी बाजार में हिस्सेदारी सीमित है। इसलिए सभी सेक्टर समान रूप से लाभान्वित नहीं होंगे।

अमेरिका के इस फैसले से भारत के कृषि निर्यात में नयी तेज़ी आने की उम्मीद है। मसाले और प्रीमियम बागवानी उत्पादों की मांग फिर से बढ़ सकती है। यह कदम किसानों, प्रोसेसरों और निर्यात कंपनियों सभी के लिए राहत लेकर आया है।

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