लखनऊ, 18 नवम्बर (कृषि भूमि ब्यूरो): उत्तर प्रदेश में मत्स्य विकास और मछुआरा समुदाय की आजीविका को बेहतर बनाने की दिशा में योगी सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत, राज्य सरकार ‘रिवर रैंचिंग‘ कार्यक्रम को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रही है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य नदियों में मछली संसाधनों का पुनर्जीवन करना, पारंपरिक मछली पकड़ने के तरीकों को प्रोत्साहित करना और जलीय जैव-विविधता (Biodiversity) में वृद्धि करना है।

क्या है ‘रिवर रैंचिंग’ (River Ranching)?

‘रिवर रैंचिंग’ एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें नदियों और अन्य प्राकृतिक जलस्रोतों (जैसे कि झीलों, जलाशयों) में नियंत्रित तरीके से मछली के बीजों (Fish Seeds) या छोटी मछलियों (Fingerlings) को छोड़ा जाता है।

  • उद्देश्य: इन छोटी मछलियों का पालन-पोषण प्राकृतिक वातावरण में होता है, जिससे नदियों में मछलियों की संख्या में वृद्धि होती है।
  • प्रजाति: आमतौर पर, रोहू (Rohu), कतला (Catla), और नैन (Mrigal) जैसी भारतीय मेजर कार्प मछलियों के बीजों का संचय किया जाता है। ये मछलियाँ स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  • लाभ: यह नदियों के पारिस्थितिकीय संतुलन को बनाए रखने और मछुआरों के लिए स्थायी आजीविका सुनिश्चित करने में सहायक है।

उत्तर प्रदेश में रिवर रैंचिंग की मुहिम

उत्तर प्रदेश के मत्स्य विकास विभाग द्वारा इस योजना को एक जन-आंदोलन का रूप दिया जा रहा है। मत्स्य विकास मंत्री डॉ. संजय निषाद की अगुवाई में, गोमती रिवर फ्रंट, लखनऊ सहित राज्य की कई प्रमुख नदियों में रिवर रैंचिंग कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिसके तहत लाखों की संख्या में उन्नत नस्ल के मछली के बीज नदियों में छोड़े गए हैं।

इस पहल के मुख्य लाभ:

  1.  मछुआरों की आय में वृद्धि: नदियों में मछलियों की संख्या बढ़ने से मछुआरों को अधिक मछली पकड़ने का मौका मिलेगा, जिससे उनकी आमदनी में उल्लेखनीय सुधार होगा और उनका जीवन स्तर बेहतर होगा।
  2.  जलीय जैव-विविधता का संरक्षण: यह कार्यक्रम नदियों के पारिस्थितिक तंत्र को मजबूत करता है और जलीय जीवों की विभिन्न प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाता है।
  3.  नीली क्रांति को बढ़ावा: यह पहल उत्तर प्रदेश को मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी और आत्मनिर्भर बनाने के ‘नीली क्रांति’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
  4. रोजगार सृजन: मत्स्य पालन और इससे संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा मिलने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

सरकार की अन्य सहायता योजनाएँ:

रिवर रैंचिंग के साथ-साथ, राज्य सरकार प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत भी मछुआरों और मत्स्य पालकों को विभिन्न सुविधाएँ प्रदान कर रही है:

  • सब्सिडी: मछली पालन के लिए तालाब निर्माण, एयरेशन सिस्टम और अन्य उपकरणों पर आर्थिक अनुदान (Subsidy) प्रदान किया जा रहा है।
  • बीमा: मछुआरा समुदाय को दुर्घटना बीमा जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।
  • प्रशिक्षण: मत्स्य पालकों को आधुनिक तकनीकों और वैज्ञानिक मछली पालन के तरीकों के बारे में प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

योगी सरकार की यह रिवर रैंचिंग पहल, न केवल नदियों के स्वास्थ्य को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह मछुआरा समुदाय के सशक्तिकरण और उत्तर प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का भी एक प्रभावी माध्यम है।

===

हमारे लेटेस्ट अपडेट्स और खास जानकारियों के लिए अभी जुड़ें — बस इस लिंक पर क्लिक करें:
https://whatsapp.com/channel/0029Vb0T9JQ29759LPXk1C45

संबंधित श्रेणी न्यूज़

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें

ताज़ा न्यूज़

विज्ञापन

विशेष न्यूज़

Stay with us!

Subscribe to our newsletter and get notification to stay update.

राज्यों की सूची