नई दिल्ली, 11 नवंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): राजधानी दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम हुए धमाके के बाद राष्ट्रीय राजधानी में न सिर्फ सुरक्षा अलर्ट बढ़ा, बल्कि बाजार और कारोबार पर भी सीधा असर देखने को मिला है। घटना के बाद पुरानी दिल्ली के थोक बाजारों, खासकर चांदनी चौक और आसपास के क्षेत्रों में कारोबार सुस्त पड़ गया है।
थोक बाजारों में सन्नाटा, कारोबार ठप
घटना के बाद सोमवार शाम और मंगलवार को चांदनी चौक, खारी बावली, भागीरथ पैलेस जैसे व्यस्त थोक बाजारों में ग्राहकों की आवाजाही में भारी गिरावट दर्ज की गई। व्यापारियों के अनुसार, दिनभर की बिक्री में लगभग 40–50% तक की कमी आई है।
नेशनल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि सुरक्षा बंदोबस्त और पुलिस चौकसी के चलते ग्राहक और पर्यटक दोनों ही कम आए। “चांदनी चौक जैसे इलाकों में रोज़ाना करीब चार लाख फुटफॉल होती है, जो अब बेहद सीमित रह गई है,” उन्होंने कहा।
कई दुकानों ने सावधानीवश आंशिक बंदी रखी। मंडी के व्यापारी संगठनों ने कहा कि “जब तक माहौल सामान्य नहीं होता, ग्राहकों का भरोसा लौटने में समय लगेगा।”
शेयर बाजार पर मिला-जुला असर, रक्षा शेयरों में उछाल
धमाके की खबर के बाद मंगलवार को शेयर बाजार ने सतर्क शुरुआत की। BSE Sensex शुरुआती कारोबार में लगभग 150 अंकों की गिरावट के साथ खुला, जबकि Nifty 50 भी हल्का नीचे रहा। हालांकि, रक्षा क्षेत्र (Defence Sector) के शेयरों में सकारात्मक रुझान देखा गया। MTAR Technologies के शेयर लगभग 6% चढ़े, Data Patterns में 5% की बढ़त रही, जबकि Dynamatic Technologies के स्टॉक्स 4.6% ऊपर गए।
विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं से सुरक्षा और रक्षा सेक्टर में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ती है, जिससे शॉर्ट टर्म में इन शेयरों को सपोर्ट मिला।
स्थानीय अर्थव्यवस्था पर संभावित प्रभाव
चांदनी चौक, बल्लीमारान, दरियागंज और जामा मस्जिद जैसे इलाके दिल्ली के पारंपरिक व्यापारिक केंद्र हैं, जहां हजारों छोटे व्यापारी और कर्मचारी प्रत्यक्ष रूप से निर्भर हैं। एक दिन का भी ठहराव करोड़ों रुपये के नुकसान में तब्दील होता है। दिल्ली ट्रेडर्स फेडरेशन के अनुसार, यदि सुरक्षा बंदोबस्त लंबे समय तक सख्त रहे तो यह खुदरा और थोक कारोबार दोनों को प्रभावित कर सकता है।
उच्च सतर्कता और व्यापारियों की मांग
दिल्ली पुलिस ने घटना के बाद पुरानी दिल्ली, लाल किला, जामा मस्जिद और कनॉट प्लेस के आसपास उच्च सतर्कता बरकरार रखी है। व्यापारी संगठनों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए परंतु बाजारों में अनावश्यक प्रतिबंध न लगाए जाएं, ताकि आर्थिक गतिविधियाँ प्रभावित न हों।
मार्केट एनालिस्ट के मुताबिक, ऐसी घटनाओं का तात्कालिक असर भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक होता है। थोक बाजारों में फुटफॉल कम होती है, जबकि निवेशक अल्पकालिक रूप से सेफ सेक्टर्स – जैसे डिफेंस या गोल्ड – की ओर शिफ्ट होते हैं।
लाल किला धमाके ने दिल्ली की आर्थिक गतिविधियों पर अस्थायी लेकिन स्पष्ट असर डाला है। जहां स्थानीय बाजारों में कारोबार ठहराव की स्थिति में है, वहीं शेयर बाजार में निवेशकों का मूड सतर्क लेकिन रणनीतिक दिखा है। अगले कुछ दिनों में सुरक्षा और भरोसे का माहौल बहाल होने पर कारोबार के सामान्य होने की उम्मीद है।
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