नई दिल्ली, 5 नवंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): भारत में रबी सीजन 2025 की शुरुआत मजबूत रही है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, 31 अक्टूबर 2025 तक देश में रबी फसलों की बुआई का कुल क्षेत्रफल 76 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 66 लाख हेक्टेयर की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है। यह वृद्धि मुख्य रूप से गेहूं, चना और तिलहन जैसी फसलों के विस्तारित क्षेत्र के कारण हुई है। मंत्रालय ने इसे “Strong Start to Rabi Season” करार दिया है और कहा है कि इस बार की बुआई का रुझान ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि क्षेत्र दोनों के लिए सकारात्मक संकेत दे रहा है।
गेहूं की बुआई में उल्लेखनीय तेजी देखी गई है। 31 अक्टूबर तक कुल 3.3 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई पूरी हो चुकी है, जबकि पिछले वर्ष यह रकबा 2.3 लाख हेक्टेयर था। इसका मतलब है कि गेहूं का रकबा इस वर्ष लगभग 43 प्रतिशत बढ़ा है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यह वृद्धि समय पर हुई वर्षा, बेहतर नमी और अनुकूल तापमान के कारण संभव हुई है। उत्तर भारत के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों — पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश — में इस बार बुआई की रफ्तार सामान्य से पहले शुरू हुई है।
चना की बुआई भी उत्साहजनक रही है। इस वर्ष 31 अक्टूबर तक चना 14.9 लाख हेक्टेयर में बोया गया, जबकि पिछले वर्ष यह क्षेत्रफल 12.1 लाख हेक्टेयर था। यानी लगभग 23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसी तरह मसूर (लेंटिल) की बुआई 1.9 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2.6 लाख हेक्टेयर तक पहुँची है। इन दोनों प्रमुख दालों को मिलाकर दलहन फसलों का कुल रकबा 20.8 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गया है, जो पिछले वर्ष के 16.5 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 26 प्रतिशत अधिक है। कृषि मंत्रालय के अनुसार, दालों की बुआई में यह तेजी इस बार के बेहतर बीज वितरण कार्यक्रमों, समय पर नमी उपलब्धता और किसानों की बढ़ती दिलचस्पी का परिणाम है।
तेलहन फसलों की बुआई में भी उल्लेखनीय उछाल देखने को मिला है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 31 अक्टूबर 2024 को तिलहन फसलों का कुल बुआई क्षेत्र 37.42 लाख हेक्टेयर था, जो इस वर्ष बढ़कर 42.33 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गया है। यानी 4.91 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है, जो लगभग 13 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाती है। इस वृद्धि का श्रेय सरसों, राई और अलसी जैसी फसलों की बढ़ती मांग और सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं को दिया जा रहा है। मंत्रालय का अनुमान है कि यदि मौसम अनुकूल रहा, तो इस वर्ष सरसों का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच सकता है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश में रबी सीजन की बुआई को लेकर सकारात्मक माहौल बना हुआ है। समय पर वर्षा, मिट्टी में पर्याप्त नमी और सिंचाई जल स्तर सामान्य से बेहतर होने के कारण किसानों ने बुआई में तेजी दिखाई है। मंत्रालय ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, “देश के कई हिस्सों में रबी सीजन की शुरुआत समय से पहले हुई है। यह संकेत है कि इस वर्ष फसल उत्पादन और ग्रामीण आय दोनों में सुधार देखने को मिलेगा।”
राज्यवार आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में चना और मसूर की बुआई में सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं, हरियाणा और पंजाब में गेहूं की शुरुआती बुआई तेज़ी से हुई है। उत्तर प्रदेश और बिहार में तिलहन की फसलों के रकबे में वृद्धि देखी गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, रबी सीजन की इस मजबूत शुरुआत से आगामी महीनों में खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। साथ ही, केंद्र सरकार द्वारा घोषित उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और बीज वितरण योजनाओं ने किसानों का आत्मविश्वास बढ़ाया है।
कुल मिलाकर, अनुकूल मौसम, समय पर कृषि इनपुट की उपलब्धता और सरकारी नीतियों के सकारात्मक असर से रबी फसलों की बुआई ने इस बार बेहद मजबूत शुरुआत की है। कृषि मंत्रालय का मानना है कि यदि यह रुझान नवंबर और दिसंबर तक बरकरार रहा, तो देश में गेहूं, दाल और तिलहन उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी, जिससे कृषि उत्पादन, खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था—तीनों को सशक्त समर्थन मिलेगा।
| फसल श्रेणी | 2024 (हेक्टेयर) | 2025 (हेक्टेयर) | वृद्धि (%) |
|---|---|---|---|
| कुल रबी बुआई | 66 लाख | 76 लाख | +15% |
| गेहूं | 2.3 लाख | 3.3 लाख | +43% |
| चना | 12.1 लाख | 14.9 लाख | +23% |
| मसूर | 1.9 लाख | 2.6 लाख | +37% |
| कुल दलहन | 16.5 लाख | 20.8 लाख | +26% |
| तिलहन | 37.42 लाख | 42.33 लाख | +13% |
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