लखनऊ, 5 नवंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के राइस मिल उद्योग और किसानों के हित में एक बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने नॉन-हाइब्रिड धान की कुटाई पर 1 प्रतिशत रिकवरी छूट देने का फैसला किया है। इस निर्णय से होने वाली वित्तीय प्रतिपूर्ति राज्य सरकार अपने बजट से करेगी, जिसके लिए ₹167 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

राज्य सरकार पहले से ही हाइब्रिड धान की कुटाई पर 3% रिकवरी छूट प्रदान करती रही है, जिसके लिए प्रतिवर्ष लगभग ₹100 करोड़ की प्रतिपूर्ति की जाती है। अब नॉन-हाइब्रिड धान पर अतिरिक्त 1% छूट मिलने से राज्य के 2,000 से अधिक राइस मिलरों को सीधा लाभ होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर कहा कि हाल के दिनों में नॉन-हाइब्रिड धान में अपेक्षित रिकवरी न मिलने की समस्या सामने आई थी। उन्होंने कहा, “अन्नदाता किसान और राइस मिलर्स की भावनाओं का सम्मान करते हुए निर्णय लिया गया है कि नॉन-हाइब्रिड धान की कुटाई में 1% रिकवरी छूट की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार अपने बजट से करेगी। इसके लिए ₹167 करोड़ की प्रतिपूर्ति की जाएगी।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कदम से 13-15 लाख अन्नदाता किसानों और 2000 से अधिक राइस मिलरों को सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा। इससे प्रदेश में करीब 2 लाख रोजगार अवसरों के सृजन या सुदृढ़ीकरण की संभावना भी जताई गई है।

इस निर्णय से राज्य का राइस मिल उद्योग राहत महसूस करेगा। हाल के वर्षों में धान की खरीद और कुटाई में रिकवरी दर घटने के चलते मिलर्स को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा था। सरकार का यह कदम न केवल उद्योग को स्थिरता देगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक गतिविधियों को नई दिशा और ऊर्जा भी प्रदान करेगा।

क्यों ज़रूरी था यह फैसला?
पिछले सीज़न में किसानों और मिलर्स ने शिकायत की थी कि नॉन-हाइब्रिड किस्मों में धान से चावल की रिकवरी दर अपेक्षाकृत कम रही, जिससे मिलर्स की लागत बढ़ी और किसानों को भी भुगतान में विलंब हुआ। इस मुद्दे पर धान खरीद सीज़न की समीक्षा बैठक के दौरान कृषि विभाग और खाद्य विभाग ने मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपी थी, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।

राज्य सरकार का उद्देश्य है कि किसान और उद्योग, दोनों को समान रूप से सहयोग मिले। सरकार अब मिलर्स और किसानों के बीच डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम लागू करने पर भी विचार कर रही है, ताकि धान की खरीद, कुटाई और भुगतान की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और समयबद्ध हो सके।

मुख्य बिंदु एक नज़र में
– नॉन-हाइब्रिड धान पर 1% रिकवरी छूट
– ₹167 करोड़ की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार करेगी
– 13-15 लाख किसान और 2000 राइस मिलर्स को लाभ
– लगभग 2 लाख रोजगार अवसर सुदृढ़ होंगे
– ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलने की उम्मीद

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