नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो): देश के कई कृषि मंडियों में नई मक्के की फसल की तेज आवक से बाजार में कीमतों पर दबाव देखने को मिल रहा है। पिछले दो हफ्तों में थोक मंडियों में मक्के के दाम औसतन ₹1,950 से ₹2,050 प्रति क्विंटल के बीच आ गए हैं, जबकि सितंबर के अंत में यही दर ₹2,200–₹2,300 प्रति क्विंटल तक थी।
बढ़ी हुई आवक से आपूर्ति में तेजी
मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और बिहार से नई फसल की आवक लगातार बढ़ रही है। प्रमुख मंडियों — नीमच, नांदेड़, नरसिंहपुर, और शिवपुरी — में प्रतिदिन आने वाली खेपों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। व्यापारियों के अनुसार, शुरुआती फसल अच्छी गुणवत्ता की है और नमी नियंत्रित है, जिससे खरीदारों की सक्रियता बनी हुई है। हालांकि, अधिक आपूर्ति के कारण बाजार भाव में गिरावट स्वाभाविक है।
उद्योग व निर्यात पर असर
पशु चारा, पोल्ट्री फ़ीड और स्टार्च उद्योग में मक्के की मांग स्थिर बनी हुई है, लेकिन बढ़ती आपूर्ति ने मिलों को खरीदी में सावधानी बरतने पर मजबूर किया है। निर्यातक भी दक्षिण एशियाई बाजारों में प्रतिस्पर्धा के चलते ऊँचे दाम देने से बच रहे हैं।
वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, पिछले महीने की तुलना में मक्का निर्यात में लगभग 8% की कमी दर्ज की गई है।
किसानों की चिंता और उम्मीदें
किसानों का कहना है कि यदि कीमतें और नीचे गईं, तो लाभ सीमित हो जाएगा। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले हफ्तों में सरकारी खरीदी या निर्यात मांग बढ़ने पर दामों में स्थिरता लौट सकती है।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, अधिकांश राज्यों में कटाई के लिए अनुकूल मौसम बना हुआ है, जिससे आवक और बढ़ने की संभावना है।
कुलमिलाकर, नई फसल की तेज आवक ने फिलहाल मक्के के बाजार में नरमी ला दी है। अगले दो से तीन हफ्तों में कीमतों का रुख इस बात पर निर्भर करेगा कि निर्यात और चारा उद्योग की मांग कितनी तेजी से बढ़ती है। फिलहाल, खरीदारों के लिए यह समय अनुकूल, जबकि किसानों के लिए थोड़ा दबाव भरा है।
===
हमारे लेटेस्ट अपडेट्स और खास जानकारियों के लिए अभी जुड़ें — बस इस लिंक पर क्लिक करें:
https://whatsapp.com/channel/0029Vb0T9JQ29759LPXk1C45