नागपुर, 7 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो): केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को महाराष्ट्र के भंडारा जिले की साकोली तहसील के संगुरवाफा गांव में आयोजित एक विशाल किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि “अब खेती में प्रयोग और नवाचार ही आगे का रास्ता दिखाएंगे।” उन्होंने किसानों से पारंपरिक खेती की जगह नकदी फसलें, पूरक कृषि व्यवसाय और नई तकनीकों को अपनाने का आह्वान किया।
गडकरी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के चलते कपास, सोयाबीन और धान जैसी पारंपरिक फसलों की उत्पादकता और लाभप्रदता में गिरावट आई है। ऐसे में किसानों को फसल पैटर्न पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने गन्ना, डेयरी, बकरी पालन, और मुर्गी पालन जैसे विकल्पों को आजमाने की बात कही जो न केवल किसानों की आय बढ़ा सकते हैं, बल्कि उन्हें बाजार की मांग के अनुसार ढाल भी सकते हैं।
गडकरी ने कहा,
“गन्ना एक ऐसी फसल है जिसका उपयोग केवल चीनी उत्पादन तक सीमित नहीं है। इससे इथेनॉल, बायोगैस, जैविक उर्वरक और बिजली जैसे उत्पाद बनाए जा सकते हैं, जिससे किसानों को अतिरिक्त आय के स्रोत मिल सकते हैं और देश को विदेशी मुद्रा की बचत भी होगी।“
गडकरी ने आधुनिक कृषि को प्रोत्साहित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ड्रोन तकनीक, मृदा परीक्षण (soil testing), जल प्रबंधन और माइक्रो इरीगेशन सिस्टम जैसे उपायों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि किसान “एकीकृत कृषि मॉडल” अपनाएं, जिसमें खेती के साथ-साथ पशुपालन और अन्य सहायक व्यवसाय भी शामिल हों।
उन्होंने इस अवसर पर “एग्रोविज़न” नामक एक नई पहल की घोषणा की, जिसका उद्देश्य है — किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों का प्रशिक्षण देना, उन्हें आत्मनिर्भर बनाना, और कृषि क्षेत्र में आत्महत्याओं की घटनाओं को रोकना।
इस कार्यक्रम में भंडारा और वर्धा जिलों के सैकड़ों किसान, स्थानीय अधिकारी, विधान पार्षद परिणय फुके, पूर्व मंत्री सुनील मेंढे समेत कई जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे। गडकरी ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा,”अब कृषि को एक व्यवसाय की तरह देखना होगा, और इसके लिए नवाचार को प्राथमिकता देनी होगी।”
===
हमारे लेटेस्ट अपडेट्स और खास जानकारियों के लिए अभी जुड़ें — बस इस लिंक पर क्लिक करें:
https://whatsapp.com/channel/0029Vb0T9JQ29759LPXk1C45