मुंबई, 4 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो): मसाला मंडियों में बीते कुछ हफ्तों से मंदी का सामना कर रही काली मिर्च (ब्लैक पेपर) की कीमतों में अब मामूली सुधार दर्ज किया गया है। कोच्चि और अन्य प्रमुख मसाला बाजारों में सस्ती दरों पर बढ़ती खरीदारी के चलते यह सुधार देखने को मिला है। विशेषज्ञों का कहना है कि थोक व्यापारी और प्रोसेसिंग यूनिट्स द्वारा नीची कीमतों पर की गई सक्रिय खरीदारी ने बाज़ार में नई जान फूंकी है।
कोच्चि मसाला मंडी में इस सप्ताह काली मिर्च की औसत कीमत ₹520 से ₹545 प्रति किलोग्राम तक दर्ज की गई, जो पिछले सप्ताह के मुकाबले ₹15–₹20 प्रति किग्रा अधिक है। हालांकि यह वृद्धि बड़ी नहीं मानी जा सकती, लेकिन लंबे समय बाद आई यह मांग आधारित रिकवरी व्यापारियों और किसानों दोनों के लिए राहत लेकर आई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि हाल ही में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी काली मिर्च की कीमतों में स्थिरता देखी गई है, जिससे निर्यातकों का आत्मविश्वास भी बढ़ा है। वियतनाम और इंडोनेशिया से काली मिर्च की सप्लाई में कुछ कमी आने की खबरों ने भी भारतीय बाजार को थोड़ा मजबूती दी है।
कई थोक खरीदारों और प्रोसेसिंग कंपनियों ने नीची कीमतों पर स्टॉक जमा करना शुरू कर दिया है, क्योंकि उन्हें आने वाले त्योहारों के सीजन में उपभोक्ता मांग बढ़ने की उम्मीद है। इसके अलावा, दक्षिण भारत में मानसून के बाद उत्पादन की तस्वीर अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, जिससे व्यापारी स्टॉक सुरक्षित रखना चाह रहे हैं।
किसानों का कहना है कि यदि यही रुझान जारी रहा, तो उन्हें अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिल सकता है। हालांकि, बाजार अभी भी पूरी तरह स्थिर नहीं है और कीमतों में उतार-चढ़ाव संभव है।
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