मुंबई, 5 सितंबर (कृषि भूमि ब्यूरो):
आंध्र प्रदेश के आंतरिक क्षेत्र (ASR जिले) में Coffee Berry Borer (CBB) की पहली बार उपस्थिति ने किसानों और कृषि विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है। यह कीट कॉफी की खेती के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है, क्योंकि CBB बीन की फसल को गंभीर नुकसान पहुंचाता है, जिससे उत्पादकता में भारी गिरावट आ सकती है।
कृषि विभाग और केंद्रीय कॉफी बोर्ड ने इस कीट के फैलाव को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए हैं। इस समस्या से लगभग 2.5 लाख एकड़ क्षेत्र में कॉफी की खेती प्रभावित होने की संभावना है।
Coffee Berry Borer: खतरे का बड़ा कारण
Coffee Berry Borer, जो कि एक छोटा और आक्रामक कीट है, कॉफी के पेड़ों की जड़ों में घुसकर फल को नुकसान पहुंचाता है। यह कीट कॉफी की पैदावार को आधे से भी ज्यादा घटा सकता है। खासतौर पर किसानों के लिए यह एक गंभीर खतरा बन सकता है, क्योंकि इससे न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि गुणवत्ता भी प्रभावित होती है।
यह कीट विशेष रूप से मूसलधार बारिश और अधिकतम तापमान में अधिक सक्रिय रहता है, और इस बार का मौसम इस कीट के प्रसार के लिए आदर्श स्थिति प्रदान कर रहा है।
केंद्रीय कॉफी बोर्ड की प्रतिक्रिया और रोकथाम रणनीतियाँ
केंद्रीय कॉफी बोर्ड ने स्थिति से निपटने के लिए कई रोकथाम उपाय शुरू किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- ब्रोका ट्रैप (Borer Traps): इन ट्रैप्स का इस्तेमाल कीटों के फैलाव पर नियंत्रण करने के लिए किया जा रहा है। ये ट्रैप कीड़ों को आकर्षित करते हैं और उन्हें फंसाते हैं, जिससे कीटों की संख्या को नियंत्रित किया जा सकता है।
- फफूंदनाशक का छिड़काव: CBB के प्रकोप को कम करने के लिए, वैज्ञानिकों ने फफूंदनाशक का छिड़काव शुरू किया है। यह कीटों की संख्या को घटाने में मदद करेगा।
- साफ-सफाई और कटाई (Sanitation and Pruning): प्रभावित पेड़ों की सफाई और मृत फल की कटाई की जा रही है ताकि कीटों के फैलाव को रोका जा सके।
- सर्वेक्षण और निगरानी: केंद्रीय और राज्य कृषि विभाग मिलकर पूरे क्षेत्र का सर्वेक्षण कर रहे हैं ताकि प्रभावित क्षेत्रों की सही पहचान की जा सके और समय रहते उपाय किए जा सकें।
कृषि विभाग के अधिकारियों का बयान
कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,
“हमने CBB के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए तुरंत कदम उठाए हैं और इस पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। कॉफी किसानों को इस कीट के बारे में जागरूक करने के लिए एक अभियान भी चलाया जा रहा है, ताकि वे समय रहते सही उपाय अपना सकें।”
कॉफी उत्पादकों के लिए संभावित खतरे
आंध्र प्रदेश के ASR जिले में लगभग 2.5 लाख एकड़ क्षेत्र में कॉफी की खेती होती है, और इस क्षेत्र में इस कीट का पाया जाना किसानों के लिए एक बड़ा झटका है। CBB के हमले से उत्पादकता में गिरावट और फसल का नुकसान हो सकता है, जिससे किसानों की आय पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
सर्वेक्षण रिपोर्ट और आकंड़े
केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश राज्य कृषि विश्वविद्यालय (ANGRAU) से सहयोग प्राप्त किया है और इस समय क्षेत्र में 600 से ज्यादा सर्वेयर काम कर रहे हैं। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, कीटों का फैलाव 10% से अधिक क्षेत्र में हो चुका है, और यह संख्या बढ़ सकती है।
आंध्र प्रदेश में Coffee Berry Borer की उपस्थिति एक बड़ी कृषि चुनौती बन सकती है, लेकिन केंद्रीय और राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए त्वरित कदमों से इस समस्या पर काबू पाने की पूरी कोशिश की जा रही है। यदि सरकार और किसान इस संकट से जल्दी उबरने में सफल होते हैं, तो आगामी फसल के मौसम में स्थिति बेहतर हो सकती है।
किसानों को इस समस्या से निपटने के लिए शिक्षित और जागरूक किया जा रहा है, ताकि वे प्रभावी उपायों को लागू कर सकें और इस कीट के फैलाव को रोका जा सके। साथ ही, सरकार और कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते कदम उठाए जाते हैं, तो कॉफी की उत्पादकता में गिरावट को नियंत्रित किया जा सकता है।
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