Latest Agri News: IIWBR का गेहूं और जौ बीज वितरण पोर्टल 15 सितंबर से खुलेगा

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नई दिल्ली, 1 सितंबर (कृषि भूमि ब्यूरो):

हरियाणा के करनाल स्थित भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (IIWBR) ने 15 सितंबर से अपने बीज वितरण पोर्टल को खोलने की घोषणा की है, जिसमें किसानों को गेहूं और जौं की उन्नत और पोषणयुक्त किस्मों का बीज मिलेगा। यह वितरण पोर्टल देशभर के किसानों के लिए उपलब्ध होगा, जिनमें हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के किसान शामिल हैं। खास बात यह है कि इन बीजों को बायोफोर्टिफाइड (पोषणयुक्त) किया गया है, जो किसानों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।

आईआईडब्ल्यूबीआर के अनुसार, इस साल रबी सीजन में किसानों को गेहूं और जौं की उन्नतशील किस्में दी जाएंगी। इन किस्मों में प्रोटीन, जिंक, और आयरन की मात्रा अधिक होगी, जो पोषण के लिहाज से बहुत लाभकारी हैं। पंजीकरण के बाद, बीज वितरण अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में किया जा सकता है। पोर्टल के माध्यम से किसानों को आसान तरीके से बीज प्राप्त हो सकेगा।

बीज प्राप्त करने के लिए किसानों को आईआईडब्ल्यूबीआर ((IIWBR) के बीज पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। यह पंजीकरण प्रक्रिया ऑनलाइन होगी, जिससे किसानों को आसानी से इस सुविधा का लाभ मिल सकेगा।

बीज वितरण के लिए विभिन्न राज्यों के किसानों को उन्नत और जैविक पोषित (Biofortified) किस्मों का बीज दिया जाएगा। इन किस्मों में प्रोटीन 12 प्रतिशत, जिंक 40 पीपीएम, और आयरन 40 पीपीएम से अधिक होगा, जिससे फसलों का पोषण स्तर बेहतर होगा। इसके अतिरिक्त, किसानों को दी जाने वाली किस्मों में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी उच्च होगी, जो फसल को बेहतर सुरक्षा प्रदान करेगी।

हरियाणा, पंजाब, और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को दी जाने वाली गेहूं की सर्वश्रेष्ठ किस्मों में डीबीडब्ल्यू-327, डीबीडब्ल्यू-371, डीबीडब्ल्यू-372 और डीबीडब्ल्यू-187 के अलावा जौं की डीडब्ल्यूआरबी-137 किस्म शामिल हैं।

बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बंगाल, झारखंड, असम और अन्य उत्तर-पूर्वी मैदानी क्षेत्रों के किसानों को कर्ण खुशबू (डीबीडब्ल्यू-386) किस्म का बीज पहली बार दिया जाएगा। यह किस्म पीला और भूरा रतुआ, पत्ती झुलसा जैसे रोगों से मुक्त है, जो इस क्षेत्र में प्रमुख समस्याएँ होती हैं।

मध्यप्रदेश, गुजरात और बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों को डीबीडब्ल्यू-377, डीबीडब्ल्यू-359, और डीबीडब्ल्यू-327 किस्मों का गेहूं बीज मिलेगा, जबकि महाराष्ट्र के किसानों को डीबीडब्ल्यू-359 और डीबीडब्ल्यू-443 किस्में दी जाएंगी।

इन नई किस्मों के बीज किसानों को बेहतर पैदावार देने के साथ-साथ कम लागत में अधिक लाभ प्राप्त करने का अवसर देंगे। इसके साथ ही, इन किस्मों के द्वारा किसान साथी पोषण से भरपूर उत्पाद की खेती करने में सक्षम होंगे, जो उनके स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति के लिए फायदेमंद साबित होंगे।

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