लखनऊ, 3 दिसंबर, 2025 ( कृषि भूमि ब्यूरो): उत्तर प्रदेश आज पूरे देश के लिए ग्रामीण और औद्योगिक विकास के एक सफल मॉडल के रूप में उभर रहा है। यह सफलता एक दोहरी रणनीति का परिणाम है: एक ओर, राज्य में धान की बंपर खरीद सुनिश्चित की जा रही है और पैसा सीधे किसानों के खातों में पहुँचाकर उनकी आर्थिक शक्ति बढ़ाई जा रही है; वहीं दूसरी ओर, शहरों से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक पार्क और मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर स्थापित करके लाखों युवाओं को उनके घर के नज़दीक ही रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

किसानों के खाते में सीधा पैसा और रिकॉर्ड धान खरीद

राज्य सरकार ने धान खरीद प्रक्रिया को और अधिक किसान-हितैषी बनाने के लिए इस बार खरीद केंद्रों की संख्या 4,227 से बढ़ाकर 5,000 करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिससे दूरदराज के किसान भी बिना लंबी कतारों में लगे अपनी उपज आसानी से बेच सकें। अब तक के आँकड़ों के अनुसार, 1.51 लाख से अधिक किसानों से 9.02 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। इस खरीद के बदले ₹1,984 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि सीधे किसानों के बैंक खातों में हस्तांतरित (transfer) कर दी गई है। इस वर्ष साधारण धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹2,369 प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान का MSP ₹2,389 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो पिछले साल की तुलना में ₹69 रुपये अधिक है। इस सीधे और तेज़ भुगतान ने ग्रामीण बाज़ारों में 8-12 प्रतिशत तक आर्थिक गतिविधि में वृद्धि का अनुमान जगाया है।

ग्रामीण महिलाओं की आय में ऐतिहासिक उछाल

स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की शक्ति भी प्रदेश के विकास में अद्भुत योगदान दे रही है। महिलाओं के सामूहिक प्रयासों का ही परिणाम है कि वर्ष 2017 में जहाँ इन समूहों की कुल आय लगभग ₹4,000 करोड़ थी, वह वर्ष 2025 में ₹18,000 करोड़ रुपये के आँकड़े को पार कर गई है। बीसी सखी (बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट) और कृषि सखी जैसी योजनाओं ने लाखों महिलाओं को न केवल बैंकिंग सेवाओं और कृषि सलाह से जोड़ा है, बल्कि उन्हें छोटे-छोटे कारोबार के माध्यम से सशक्त भी किया है। इस पहल के कारण गाँव से शहर की तरफ होने वाला पलायन रुका है और महिलाएँ घर बैठे ही सम्मानजनक आय अर्जित कर रही हैं।

औद्योगिक निवेश से ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार

औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए लाई गई औद्योगिक निवेश नीति-2022 ने बुंदेलखंड और पूर्वांचल जैसे पिछड़े क्षेत्रों में निवेश करने वाली कंपनियों को 25 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी (अधिकतम ₹45 करोड़ तक) का आकर्षण दिया है। इस प्रोत्साहन के परिणामस्वरूप, अब ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक पार्क, लॉजिस्टिक हब और फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स तेजी से खुल रहे हैं। इसका एक बड़ा उदाहरण आगरा का नया इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर है, जिससे अकेले 40,000 नौकरियों और ₹3,400 करोड़ के निवेश की उम्मीद है। विभिन्न अध्ययनों का अनुमान है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गैर-कृषि रोज़गार में 22 से 27 प्रतिशत तक की उछाल देखने को मिल सकती है।

यूपी अब टॉप-5 औद्योगिक राज्यों में शामिल

ताजा औद्योगिक सर्वे 2023-24 के आँकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश देश के टॉप-5 औद्योगिक राज्यों में अपनी जगह बना चुका है। राज्य ने रोज़गार वृद्धि दर में 5.92 फीसदी की प्रभावशाली बढ़ोतरी दर्ज की है। खेती में रिकॉर्ड तोड़ खरीद से लेकर ग्रामीण क्लस्टर्स में फैक्ट्रियों के फैलाव तक—योगी सरकार का यह दोहरा विकास मॉडल अब पूरे देश के लिए एक अनुकर्णनीय (copy-paste) विकास की रणनीति बन गया है।

===

हमारे लेटेस्ट अपडेट्स और खास जानकारियों के लिए अभी जुड़ें — बस इस लिंक पर क्लिक करें:
https://whatsapp.com/channel/0029Vb0T9JQ29759LPXk1C45

शेयर :

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें

ताज़ा न्यूज़

विज्ञापन

विशेष न्यूज़

Stay with us!

Subscribe to our newsletter and get notification to stay update.

राज्यों की सूची