उत्तर प्रदेश 12 नवंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लाखों गन्ना किसानों के लिए यह खबर किसी बड़ी राहत से कम नहीं है। राज्य के चीनी उद्योग (Suger Industry) एवं गन्ना विकास विभाग ने गन्ना आपूर्ति की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाने कि दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब गन्ना किसानों को उनकी गन्ना आपूर्ति से संबंधित ‘पर्ची’ (Supply Ticket) सीधे उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस (SMS) के माध्यम से भेजी जाएगी। यह नई व्यवस्था चालू पेराई सत्र 2025-26 से प्रभावी है, जिससे किसानों को समय पर और सही जानकारी मिलना सुनिश्चित हो सकेगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य गन्ना आपूर्ति की पूरी प्रक्रिया से बिचौलियों की भूमिका को पूरी तरह से समाप्त करना, किसानों का समय बचाना और उन्हें गन्ने की बिक्री के लिए सटीक समय की जानकारी तुरंत उपलब्ध कराना है।
पारदर्शिता और सुविधा की नई पहल
पारंपरिक रूप से, गन्ना पर्चियों को प्राप्त करने के लिए किसानों को गन्ना क्रय केंद्रों या समितियों के चक्कर लगाने पड़ते थे, जिसमें न केवल समय बर्बाद होता था, बल्कि इसमें अनियमितताओं और बिचौलियों के हस्तक्षेप की गुंजाइश भी बनी रहती थी। नई एसएमएस पर्ची व्यवस्था ने इन सभी समस्याओं को दूर कर दिया है।
गन्ना आयुक्त (Cane Commissioner) ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि इस पेराई सत्र में गन्ना पर्चियां केवल और केवल एसएमएस पर्ची के रूप में ही भेजी जाएंगी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी किसानों को इसका लाभ मिले, विभाग ने किसानों से कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखने की अपील की है:
- मोबाइल नंबर का सही पंजीकरण: सबसे जरूरी है कि किसान का सही और चालू मोबाइल नंबर गन्ना विभाग के स्मार्ट गन्ना किसान (SGK) या एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ERP) सिस्टम में पंजीकृत हो। यदि मोबाइल नंबर गलत दर्ज है, तो किसान को तत्काल अपने गन्ना पर्यवेक्षक या गन्ना समिति के माध्यम से उसे अपडेट करा लेना चाहिए।
- मोबाइल को रखें चालू: किसानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका पंजीकृत मोबाइल फोन हमेशा चालू रहे और नेटवर्क क्षेत्र में हो।
- इनबॉक्स खाली रखें: मोबाइल का एसएमएस इनबॉक्स (SMS Inbox) भरा होने पर पर्ची का संदेश प्राप्त नहीं हो पाता है, इसलिए इसे समय-समय पर खाली रखना आवश्यक है।
- ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ (DND) सेवा: किसानों को यह सलाह दी गई है कि वे अपने पंजीकृत नंबर पर ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ (DND) सेवा को एक्टिवेट न करें, क्योंकि इससे भी एसएमएस पर्ची मिलने में बाधा आ सकती है।
समय पर सप्लाई, अधिक लाभ
गन्ना आयुक्त ने इस बात पर जोर दिया है कि अगर किसी किसान का मोबाइल स्विच ऑफ होता है, या वह नेटवर्क कवरेज से बाहर होता है, या डीएनडी सेवा चालू होती है, तो सर्वर द्वारा भेजा गया एसएमएस पर्ची का संदेश एक निश्चित समय (जैसे 24 घंटे या कुछ क्षेत्रों में 2 घंटे) के बाद स्वतः ही निरस्त हो जाता है। ऐसी स्थिति में किसान अपनी पर्ची की जानकारी से वंचित रह जाते हैं और उन्हें गन्ना आपूर्ति में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
यह नई व्यवस्था किसानों के लिए कई मायनों में लाभकारी है:
- समय की बचत: किसानों को पर्ची लेने के लिए मिलों या केंद्रों पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- ताज़ा गन्ने की आपूर्ति: पर्ची समय पर मिलने से किसान सही समय पर गन्ने की कटाई कर तुरंत मिल को भेज सकेंगे। इससे खेत में या कटाई के बाद गन्ने के सूखने से होने वाले वजन के नुकसान से बचाव होगा और किसानों को अपनी फसल का पूरा मूल्य मिल सकेगा।
- पारदर्शिता: यह प्रणाली पूरी तरह से पारदर्शी है, जिससे बिचौलियों का हस्तक्षेप समाप्त हो गया है।
- रियल टाइम सूचना: किसान को पर्ची जारी होते ही उसकी सूचना तुरंत मोबाइल पर मिल जाएगी।
गन्ना किसानों के लिए अगला कदम
विभाग ने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों और जिला गन्ना अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस नई व्यवस्था का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें और एक अभियान चलाकर सभी गन्ना किसानों के मोबाइल नंबर को अपडेट कराएँ। किसान अपने गन्ने से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी, जैसे गन्ना कैलेंडर, तौल विवरण, और भुगतान की स्थिति, विभाग की वेबसाइट caneup.in और ई-गन्ना (e-ganna) ऐप के माध्यम से भी आसानी से देख सकते हैं।
यह पहल उत्तर प्रदेश सरकार की गन्ना किसानों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसका उद्देश्य आधुनिक तकनीक का उपयोग करके कृषि व्यापार को आसान, पारदर्शी और अधिक लाभकारी बनाना है। गन्ना किसानों को सलाह दी जाती है कि वे इन निर्देशों का पालन करें ताकि पेराई सत्र 2025-26 में उन्हें गन्ना आपूर्ति में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
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