मौसम ने बढ़ाई हल्दी की कीमतें: फसल नुकसान, कम आवक और निर्यात मांग से बाजार में तेजी

मुंबई, 18 नवंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): हल्दी बाजार में पिछले कुछ दिनों से तेज़ी देखी जा रही है और इसका प्रमुख कारण देश के विभिन्न उत्पादक राज्यों में बदलता मौसम और उससे संबंधित फसल नुकसान है। महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के कई हिस्सों में गिरती बारिश ने पैदावार को प्रभावित किया है। इसी वजह से हल्दी वायदा कीमतें 0.59% बढ़कर 14,384 तक पहुँच गईं।

इरोड में गुणवत्ता पर असर, भंडारण पर दबाव
इरोड में लगातार और भारी बारिश ने हल्दी की गुणवत्ता पर नकारात्मक असर डाला है। नमी बढ़ने के कारण भंडारण कठिन हो गया है और फसलों में रोग फैलने का जोखिम भी बढ़ा है। इन परिस्थितियों ने निकट भविष्य की आपूर्ति को सीमित कर दिया है, जिससे बाजार में तेजी को आधार मिला है।

नांदेड़ में 15% फसल का नुकसान, वारंगल में स्टॉक खत्म
नांदेड़ से मिली जानकारी बताती है कि हाल की बारिश से लगभग 15% हल्दी फसल खराब हो गई है। वहीं वारंगल में किसानों का पुराना स्टॉक लगभग समाप्त हो चुका है। पिछले दो दिनों से कोई नई आवक नहीं पहुंची है, जिसके चलते बाजार की धारणा स्थिर रहने के बावजूद आपूर्ति कमजोर बनी हुई है।

कम आवक का समर्थन, पर बढ़त सीमित क्यों?
मंडी में आवक कम होने और किसानों द्वारा सतर्कता के साथ बिक्री करने से कीमतों को समर्थन मिला है। हालांकि हल्दी के रकबे में बढ़ोतरी की उम्मीद मौजूदा बढ़त को सीमित कर रही है। 2024–25 सीज़न में हल्दी का कुल रकबा 3.30 लाख हेक्टेयर तक पहुँच चुका है, जो पिछले वर्ष से लगभग 10% अधिक है। अनुकूल मानसून की संभावना बताती है कि आने वाले समय में यह रकबा और 15–20% तक बढ़ सकता है।

दुग्गीराला मंडी में नई फसल को मिल रहा प्रीमियम
दुग्गीराला में नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है, और बेहतर गुणवत्ता के कारण इसे प्रीमियम दाम मिल रहे हैं। यहाँ रोज़ाना 1,000 से 1,200 बैग का व्यापार हो रहा है और लगभग आधी से अधिक नई फसल बिक चुकी है। इससे स्पष्ट है कि उच्च गुणवत्ता वाली हल्दी की मांग बनी हुई है।

निर्यात तेजी में—3.31% की वृद्धि
हल्दी के निर्यात आंकड़े भी उत्साहजनक हैं। अप्रैल से अगस्त 2025 के बीच निर्यात 3.31% बढ़कर 80,156 टन तक पहुँचा है। अगस्त महीने के निर्यात में साल-दर-साल 7.27% की वृद्धि ने बाजार को और मजबूती दी है।

तकनीकी संकेत बताते हैं शॉर्ट-कवरिंग का दौर
निजामाबाद हाजिर बाजार में कीमतें 0.52% घटकर 14,863.85 पर आ गईं, लेकिन तकनीकी विश्लेषण यह संकेत दे रहा है कि बाजार शॉर्ट-कवरिंग फेज़ में है। ओपन इंटरेस्ट मामूली रूप से घटकर 10,790 रह गया है। समर्थन 14,204 और फिर 14,024 पर दिखाई देता है, जबकि प्रतिरोध 14,560 पर है। अगर यह स्तर टूटता है तो बाजार 14,736 की ओर बढ़ सकता है।

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